LalBahadurShastriJayanti: ये हैं लाल बहादुर शास्त्री के 10 प्रेरक और यादगार विचार
नई दिल्ली। आज देश के लाल और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती है, देश को 'जय जवान और जय किसान' का नारा देने वाले महान इंसान को पूरा देश आज अपनी तरह से याद कर रहा है। उनके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट पर एक वीडियो संदेश दिया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि सौम्य व्यक्तित्व, कुशल नेतृत्व एवं बुलंद हौसले के प्रतीक लाल बहादुर शास्त्री जी को उनकी जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि, जय जवान-जय किसान!'
जन्म 2 अक्टूबर 1904 में उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में हुआ
आपको बता दें कि एक पथ-प्रदर्शक तो एक आदर्श व्यक्तित्व शास्त्री जी का जन्म 2 अक्टूबर 1904 में उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में हुआ था। वह गांधी जी के विचारों और जीवनशैली से बेहद प्रेरित थे।उन्होंने गांधी जी के असहयोग आंदोलन के समय देश सेवा का व्रत लिया था और देश की राजनीति में कूद पड़े थे। लाल बहादुर शास्त्री जाति से श्रीवास्तव थे लेकिन उन्होने अपने नाम के साथ अपना उपनाम लगाना छोड़ दिया था क्योंकि वह जाति प्रथा के घोर विरोधी थे।
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आइए एक नजर डालते हैं उनके महान और यादगार विचारों पर
एकता ही हमारी शक्ति है: लाल बहादुर शास्त्री
- हमारी ताकत और मजबूती के लिए सबसे जरूरी काम है लोगो में एकता स्थापित करना।
- हम खुद के के लिए ही नही बल्कि पूरे विश्व की शांति, विकास और कल्याण में विश्वास रखते हैं।
- यदि कोई भी व्यक्ति हमारे देश में अछूत कहा जाता है तो भारत को अपना सर शर्म से झुकाना पड़ेगा।
- कानून का सम्मान किया जाना चाहिए ताकि हमारा लोकतंत्र भी मजबूत बने।
- देश के प्रति निष्ठा सभी निष्ठाओं से पहले आती है और यह पूर्ण निष्ठा है क्योंकि इसमें कोई प्रतीक्षा नहीं कर सकता कि बदले में उसे क्या मिलता है।
- देश के प्रति निष्ठा सभी निष्ठाओं से पहले आती है क्योंकि इसमें कोई प्रतीक्षा नहीं कर सकता कि बदले में उसे क्या मिलता है।
- जो शासन करते हैं उन्हें देखना चाहिए कि लोग प्रशासन पर किस तरह प्रतिक्रिया करते हैं. अंतत: जनता ही मुखिया होती है।
- देश की तरक्की के लिए हमे आपस में लड़ने के बजाये गरीबी, बीमारी और अज्ञानता से लड़ना होगा।
- हमें लड़ने के बजाय गरीबी, बीमारी और अशिक्षा से लड़ना चाहिए।
कानून का सम्मान किया जाना चाहिए
जनता ही मुखिया होती है
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