Labour Day 2020: आज है 'इंटरनेशनल श्रमिक दिवस', जानिए इसका दर्दनाक इतिहास और महत्व
नई दिल्ली। आज 'इंटरनेशनल श्रमिक दिवस' है, जिसके चलते आज भारत समेत विश्व की लगभग सभी कंपनियों में छुट्टी रहती है। इसे 'मई दिवस' के रूप में भी मनाया जाता है, ये हम सब जानते हैं कि मजदूर हमारे समाज का वह हिस्सा है जिस पर समस्त आर्थिक उन्नति टिकी हुई है, वर्तमान समय के मशीनी युग में भी उनकी महत्ता कम नहीं हुई है, उदाहरण के लिए, उद्योग, व्यापार, कृषि, भवन निर्माण, पुल एवं सड़कों का निर्माण आदि समस्त क्रियाकलापों में मजदूरों के श्रम का योगदान महत्त्वपूर्ण होता है।
इतिहास काफी दर्दनाक
हालांकि इस दिन का इतिहास काफी दर्दनाक है, इस दिन की शुरुआत 1 मई 1886 से हुई, इस दिवस को मनाने के पीछे उन मजदूर यूनियनों की हड़ताल है जो कि आठ घंटे से ज्यादा काम ना कराने के लिए की गई थी, इस हड़ताल में 11,000 फैक्टरियों के कम से कम 3,80,000 मजदूर शामिल हुए थे।
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अमेरिका में मात्र 8 घंटे ही काम करने की इजाजत दे दी गई ...
लेकिन इस हड़ताल दौरान शिकागो की हेय मार्केट में बम ब्लास्ट हुआ था, जिससे निपटने के लिए पुलिस ने मज़दूरों पर गोली चला दी जिसमें सात मजदूरों की मौत हो गई। जिसके बाद पुलिस जांच के घेरे में आ गई और बवाल को शांत करने के लिए अमेरिका में मात्र 8 घंटे ही काम करने की इजाजत दे दी गई और उसके बाद से ही ये दिवस मनाया जाने लगा।
भारत समेत अस्सी देशों में छुट्टी रहती है
भारत में मजदूर दिवस सबसे पहले चेन्नई में 1 मई 1923 को मनाना शुरू किया गया था। उस समय इस को मद्रास दिवस के तौर पर मनाया जाता था। आज के दिन भारत समेत अस्सी देशों में छुट्टी रहती है।
आज के दिन को कुछ मशहूर शायरों ने लेखनी बद्ध भी किया है, चलिए डालते हैं उन पर एक नजर...
- सो जाते हैं फ़ुटपाथ पे अखबार बिछा कर : मुनव्वर राना
- सो जाते हैं फुटपाथ पे अखबार बिछा कर, मजदूर कभी नींद की गोली नहीं खाते : अफजल खान
- लोगों ने आराम किया और छुट्टी पूरी की, यकुम मई को भी मजदूरों ने मजदूरी की: रजा मौरान्वी
- जिंदगी अब इस कदर सफ्फाक हो जाएगी क्या,भूक ही मजदूर की खूराक हो जाएगी क्या: अज्ञान
कुछ बधाई संदेश
अगर
इस
जहां
में
मजदूर
का
न
नामों
निशां
होता
फिर
न
होता
हवामहल
और
न
ही
ताजमहल
होता
मजदूर
दिवस
की
शुभकामनाएं।
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अब
उन
की
ख़्वाब-गाहों
में
कोई
आवाज़
मत
करना
बहुत
थक-हार
कर
फ़ुटपाथ
पर
मज़दूर
सोए
हैं
मजदूर
दिवस
की
शुभकामनाएं।
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तू
क़ादिर
ओ
आदिल
है
मगर
तेरे
जहाँ
में
हैं
तल्ख़
बहुत
बंदा-ए-मज़दूर
के
औक़ात
मजदूर
दिवस
की
शुभकामनाएं।
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कुचल
कुचल
के
न
फ़ुटपाथ
को
चलो
इतना
यहां
पे
रात
को
मज़दूर
ख़्वाब
देखते
हैं
मजदूर
दिवस
की
शुभकामनाएं।