Labour Day 2019: जानिए 'मजदूर दिवस' से जुड़ा यह कड़वा सच
नई दिल्ली। आज 'इंटरनेशनल श्रमिक दिवस' है, जिसके चलते आज भारत समेत विश्व की लगभग सभी कंपनियों में छुट्टी रहती है। इसे 'मई दिवस' के रूप में भी मनाया जाता है, हालांकि इस दिन का इतिहास काफी दर्दनाक है। दरअसल इस दिन की शुरुआत 1 मई 1886 से हुई। इस दिवस को मनाने के पीछे उन मजदूर यूनियनों की हड़ताल है जो कि आठ घंटे से ज्यादा काम ना कराने के लिए की गई थी, इस हड़ताल में 11,000 फैक्टरियों के कम से कम 3,80,000 मजदूर शामिल हुए।
'इंटरनेशनल श्रमिक दिवस'
लेकिन इस हड़ताल दौरान शिकागो की हेय मार्केट में बम ब्लास्ट हुआ था, जिससे निपटने के लिए पुलिस ने मज़दूरों पर गोली चला दी जिसमें सात मजदूरों की मौत हो गई। जिसके बाद पुलिस जांच के घेरे में आ गई और बवाल को शांत करने के लिए अमेरिका में मात्र 8 घंटे ही काम करने की इजाजत दे दी गई और उसके बाद से ही ये दिवस मनाया जाने लगा।
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अस्सी देशों में छुट्टी
भारत में मजदूर दिवस सबसे पहले चेन्नई में 1 मई 1923 को मनाना शुरू किया गया था। उस समय इस को मद्रास दिवस के तौर पर मनाया जाता था। आज के दिन भारत समेत अस्सी देशों में छुट्टी रहती है।
आज के दिन को कुछ मशहूर शायरों ने लेखनी बद्ध भी किया है, चलिए डालते हैं उन पर एक नजर...
मुनव्वर राना
सो
जाते
हैं
फुटपाथ
पे
अखबार
बिछा
कर
मजदूर
कभी
नींद
की
गोली
नहीं
खाते
अफजल
खान
लोगों
ने
आराम
किया
और
छुट्टी
पूरी
की
यकुम
मई
को
भी
मजदूरों
ने
मजदूरी
की
रजा मौरान्वी
जिंदगी
अब
इस
कदर
सफ्फाक
हो
जाएगी
क्या
भूक
ही
मजदूर
की
खूराक
हो
जाएगी
क्या
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