क्या है इबोला, जानिए कितने प्रकार के होते हैं इबोला वायरस
नई दिल्ली। भारत में इबोला का पहला मरीज़ आना बेहद घातक संकेत हैं। इबोला वायरस की चपेट में वह भारतीय आया, जो हाल ही में लाइबेरिया से भारत आया था। उसका इलाज दिल्ली में शुरू हो चुका है, लेकिन इस एक केस के बाद से इबोला पर चर्चा एक बार फिर गर्म हो गई है। इसी चर्चा के अंतर्गत हम आपको यहां इबोला के बारे में ऐसी जानकारियां देने जा रहे हैं, जिनसे पहले आप शायद कभी भी रू-ब-रू नहीं हुए थे। यह एक सीरीज़ है, जिसमें PRIVIOUS/NEXT पर क्लिक कर आप एक के बाद एक महत्वपूर्ण लेख पढ़ सकते हैं। तो सबसे पहले- जानिए क्या है इबोला वायरस?
क्या है इबोला
इबोला एक प्रकार का वायरस है जो बंदर, गोरिल्ला और चिम्पैंज़ी से चलकर इंसान में आता है। इसे पहले इबोला हेमोग्राफिक फीवर कहा जाता था। आज से 10 साल पहले तक यह रेयरेस्ट ऑफ दि रेयर डिज़ीस में से एक थी। लेकिन हां यह हमेशा से ही जानलेवा रही है। एक व्यक्ति इबोला वायरस की चपेट में आ गया है, तो उसके साथ उठने-बैठने वाले पर यह वायरस बहुत तेजी हमला करता है।
कितने प्रकार के होते हैं इबोला वायरस?
इबोला वह वायरस है जो फिलोविरिडे वायरस की फैमिली में आता है। ये पांच प्रकार के होते हैं, जिनमें से चार इंसान के लिये बेहद घातक होती हैं।
- इबोला वायरस (ज़ायरी इबोला वायरस)
- सुडान वायरस (सुडान इबोला वायरस)
- टाई फॉरेस्ट वायरस (टाई इबोला वायरस)
- बुंडिबुग्यो वायरस (बुंडिबुग्यो इबोला वायरस)
- रेस्टन वायरस (ये बंदरों तक सीमित रहते हैं, इंसानों में नहीं फैलते)
कहां सबसे ज्यादा पाया जाता है यह वायरस
इबोला सबसे ज्यादा अफ्रीकी देशों में पाया जाता है। सबसे पहले 1976 में अफ्रीका में पाया गया था। उसके बाद से बीच-बीच में इबोला के मामले भी आये। लेकिन हमेशा यह अफ्रीकी देशों तक ही सीमित रहे, लेकिन अब यह वायरस पूरे विश्व में फैल रहा है।
NEXT- में पढ़ें इबोला से जुड़े वो तथ्य जो आपको जरूर मालूम होने चाहिये।