Kerala floods: राष्ट्रीय आपदा घोषित होने का क्या मतलब है?
नई दिल्ली। प्रकृति की सुंदरता के लिए मशहूर केरल आज प्रकृति की मार का शिकार है। राज्य के 12 जिले पूरी तरह से बाढ़ से आहत हैं, प्रांत के लाखों लोग बेधर हो गए हैं और सैकड़ों लोग मौत का शिकार। केरल को पूरे 8 हजार करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान हुआ है। केरल के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी से मांग की है कि वो इस बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करें।
चलिए विस्तार से जानते हैं कि राष्ट्रीय आपदा घोषित होने का मतलब क्या होता है...
आपदा प्रबंधन अधिनियम
आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के मुताबिक किसी भी आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का कोई विशेष प्रावधान नहीं है, हालांकि संविधान के मुताबिक अगर केंद्र सरकार किसी आपदा को राष्ट्रीय आपदा घोषित करती है तो उसे राहत और बचाव कार्य के लिए 100% ग्रांट देनी पड़ती है। अगर केरल के परिपेक्ष में बात करें तो यहां भी केंद्र सरकार इस बात पर राजी नहीं होगी क्योंकि केरल को भारत सरकार पहले से ही वित्तीय मदद कर रहा है और एनडीआरएफ की टीम पहले ही राहत और बचाव कार्यों में लगी है।
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राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान
गौरतलब है कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान का गठन संसद के अधिनीयम के अन्तगर्त भारत और अन्य क्षेत्र में क्षमता विकास के लिये एक प्रमुख संस्थान के रूप में अपनी भूमिका निभाने के उद्देश्य के साथ किया गया है। इस दिशा में प्रथम प्रयास सन 1995 में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन केंद्र के गठन के साथ शुरू हुआ जो आगे चल कर अपने नये नाम राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान के रूप में जाना जाने लगा।
खास बातें
- राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान को आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में मानव संसाधन विकास, क्षमता निर्माण, प्रशिक्षण, अनुसंधान, अभिलेखन और नोडल एजेंसी के रूप मे जिम्मेदारी दी गई है।
- आपदा प्रबंधन केंद्र के कई कार्यक्रमो का खर्च एन. आई. डी. एम. द्वारा वहन किया जाता है।
- आपदा प्रबंधन केंद्र का प्रशिक्षण कार्यक्रम, एन. आई. डी. एम. द्वारा आयोजित वार्षिक प्रशिक्षण सम्मेलन के दौरान आपसी परामर्श के माध्यम से तैयार किया जाता है।
अमेरिका का नियम उलट है
ये तो हुई भारत की बात लेकिन विदेशों में ऐसा नहीं होता है। अमेरिका में अगर किसी तूफान से नुकसान होता है तो वहां के राष्ट्रपति ही उसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करते हैं, इसके बाद फेडरल इमरजेंसी मैनेजमेंट एजेंसी राहत कार्य की जिम्मेदारी ले लेती है।