ये नरक कुंड, भ्रष्टों का झुण्ड, फिर क्या करेंगे....
‘ये
नरक
कुंड,
भ्रष्टों
का
झुण्ड
दिन
और
रात
/लूटेंगे
मिलके
ये
साथ
साथ
फिर
क्या
करेंगे
?
गबन
करेंगे
/गबन
करेंगे
/गबन
करेंगे/'
इसके बाद तो सारे कवि-श्रोता बौखला गए। मंच पर मारपीट शुरू को गयी। पर केजरीवाल ने पढना बंद नहीं किया -
‘हाथी
घोडा
पालकी
जय
हो
केजरीवाल
की
लोकसभा
हमको
पहुँचाओ,
ऐसी
तैसी
लोकपाल
की'
तभी तैश रामपुरी ने झटके से माइक तोड़ डाला। सारे कवि मिलकर केजरीवाल पर टूट पड़ते हैं। मनमोहन ‘शांत' को छोड़कर। राहुल बेचारा और सोनिया इतालवी उन को ‘पंजे का दम' दिखाती हैं। मूर्ख दिवस सेलीबेशन स्टार्ट। ज्वाला गुजराती ने तैश जी को ललकारा। तैश जी ने ने आव देखा न ताव गोबर के ग्रेनेड दागने शुरू कर दिए। विकट जी निगम की नाली से कीचड़ निकाल लाये। रामदेव धाँसू ने हर्बल लाल रंग का स्प्रे छिडका तभी किसी ने लाल मिर्च स्प्रे डाल दिया। आंसुओं का सैलाब आ गया। कवि सम्मलेन की अध्यक्ष मीरा कुमार ‘शर्मीली' ने आंसू बहाते हुए अध्यक्षीय काव्य पाठ किया जो किसी को सुनायी नहीं पड़ा-
‘गरिमा
को
होते
तार
तार
देखती
रही
स्प्रे
छिड़क
के
चल
दिए
गुबार
देखती
रही
लात
घूसों
थप्पड़ों
के
साथ
माइक
भी
चले
कर
नहीं
सकी
मैं
कुछ
हर
बार
देखती
रही।'
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