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कौन है कमलनाथ: संजय गांधी के स्कूली दोस्त, छिंदवाड़ा में जिनके आगे कोई नहीं टिकता

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नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने वरिष्ठ नेता कमलनाथ को पार्टी की मध्य प्रदेश इकाई का अध्यक्ष बनाया है जो अरुण यादव की जगह यह जिम्मेदारी संभालेंगे, साथ ही ज्योतिरादित्य सिंधिया को चुनाव अभियान समिति का चेयरमैन बनाया गया है। छिंदवाड़ा से सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री कमलनाथ की ताजपोशी से कांग्रेस एमपी में सत्ता हासिल करने का ख्वाब देख रही है, अब ये ख्वाब उसका पूरा होता है या नहीं, ये तो आने वाला वक्त बताएगा।

चलिए एक नजर डालते हैं कमलनाथ के अब तक के सियासी सफर पर...

कमलनाथ एक उत्कृष्ट और कुशल नेता रहे हैं

कमलनाथ एक उत्कृष्ट और कुशल नेता रहे हैं

नौ बार सांसद रह चुके कमलनाथ एक उत्कृष्ट और कुशल नेता रहे हैं, उनके मध्य प्रदेश इकाई का अध्यक्ष बनाए जाने की सुगबुगाहट काफी दिनों से चली आ रही थी और आज उस पर मोहर लग गई।

जन्म 18 नवम्बर 1946

जन्म 18 नवम्बर 1946

कमलनाथ का जन्म 18 नवम्बर 1946 को उत्तर प्रदेश के औद्योगिक शहर कानपुर में हुआ था। देहरादून के दून स्कूल से पढ़ाई करने के बाद कमलनाथ ने कोलकाता के सेंट ज़ेवियर कॉलेज से उच्च शिक्षा हासिल की। वो 34 साल की उम्र में वो छिंदवाड़ा से जीत कर पहली बार लोकसभा पहुंचे थे। आपको जानकर हैरत होगी कि उनका दिल्ली का कार्यालय 24 घंटे कार्यकर्ताओं के लिए खुला रहता है और वो चुनाव अभियानों के लिए हेलीकॉप्टरों और सैटेलाइट फोन इस्तेमाल करने वाले शुरूआती नेताओं में से एक हैं।

संजय गांधी से थी गहरी दोस्ती

संजय गांधी से थी गहरी दोस्ती

वैसे कमलनाथ का मध्यप्रदेश से सिर्फ राजनीतिक रिश्ता है। वह रहने वाले पश्चिम बंगाल के हैं। उनकी असली ताकत गांधी परिवार से उनकी पुरानी मित्रता है। संजय गांधी और कमलनाथ की दोस्ती के किस्से आज भी राजनीतिक गलियारों के हॉट टॉपिक्स में से एक हैं। कहा जाता है कि दोनों की मित्रता दून स्कूल से प्रारंभ हुई थी जो कि संजय गांधी के मौत के बाद ही खत्म हुई लेकिन संजय गांधी की दोस्ती ने उन्हें गांधी परिवार के बेहद करीब ला दिया।

 साफ-सुथरे नेता की छवि

साफ-सुथरे नेता की छवि

कमलनाथ की छवि वैसे तो काफी साफ-सुथरे नेता की है लेकिन हवाला कांड में नाम आने की वजह से उन्हें 1996 में आम चुनाव नहीं लड़ पाए थे, तब पार्टी ने उनकी जगह उनकी पत्नी अलका को टिकट दिया था जो कि भारी मतों से विजयी हुई थीं। लेकिन जब एक साल बाद वो इस कांड में बरी हुए थे तो उनकी पत्नी ने छिंदवाड़ा की सीट से इस्तीफा दे दिया और कमलनाथ ने वापस वहां से चुनाव लड़ा लेकिन वो बीजेपी के सुंदरलाल पटवा से हार गए। हालांकि उनका नाम साल 1984 के पंजाबी दंगों में भी उछला था लेकिन कोई भी अपराध उनका सिद्ध नहीं हो पाया।

छिंदवाड़ा में कमलनाथ ने लोगों को रोजगार दिया

छिंदवाड़ा में कमलनाथ ने लोगों को रोजगार दिया

1980 में छिंदवाड़ा की जनता ने कमलनाथ को 7वीं लोकसभा में भेजा। मूल रूप से छिंदवाड़ा एक आदिवासी इलाका माना जाता है। कमलनाथ ने यहां लोगों को रोजगार दिया और आदिवासियों के उत्थान के लिए कई काम किए।

कमलनाथ को बिजनेस टायकून भी कहा जाता है

कमलनाथ को बिजनेस टायकून भी कहा जाता है

कांग्रेस के कार्यकाल में वे उद्योग मंत्रालय, कपड़ा मंत्रालय, वन और पर्यावरण मंत्रालय, सड़क और परिवहन मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। राजनीति के अलावा कमलनाथ को बिजनेस टायकून भी कहा जाता है, वो 23 कंपनियों के मालिक हैं, जो उनके दोनों बेटे चलाते हैं।

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English summary
Former union minister Kamal Nath will be the new Congress chief in Madhya Pradesh, replacing Arun Yadav.
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