जानिए नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी के बारे में खास बातें
नई दिल्ली। आज देश के रीयल हीरो में से एक और नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी का जन्मदिन है। स्वभाव से बेहद कोमल और गांधीवादी विचारधारा के मालिक कैलाश सत्यार्थी का जीवन दूसरों के लिए प्रेरणाश्रोत हैं।
मप्र में सत्यार्थी को जीवनर्पयत राज्य अतिथि का दर्जा
आईये उनके जन्मदिन पर जानते हैं उनसे जुड़ी खास बातें..
'बचपन बचाओ आंदोलन'
भारत के मध्य प्रदेश के विदिशा में 11 जनवरी 1954 को जन्में कैलाश सत्यार्थी 'बचपन बचाओ आंदोलन' चलाते हैं।
वैद्युत इंजीनियर
वे पेशे से वैद्युत इंजीनियर हैं किन्तु उन्होने 26 वर्ष की उम्र में ही करियर छोड़कर बच्चों के लिए काम करना शुरू कर दिया था।
'ग्लोबल मार्च अगेंस्ट चाइल्ड लेबर'
इस समय वे 'ग्लोबल मार्च अगेंस्ट चाइल्ड लेबर' (बाल श्रम के ख़िलाफ़ वैश्विक अभियान) के अध्यक्ष भी हैं।
83000 से अधिक बच्चों को मुक्त कराया
सत्यार्थी विश्व भर के 144 देशों के 83000 से अधिक बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए कार्य कर चुके हैं।
नोबेल विजेता
कैलाश सत्यार्थी पहले ऐसे नोबेल विजेता हैं , जो भारत में जन्मे हैं।
'रगमार्क'
उन्होंने 'रगमार्क' की शुरूआत की, जो यह प्रमाणित करती है कि विदेशों में बेचे जाने वाले दरी, कालीन एवं कंबल जैसे उत्पादों में बाल श्रम का योगदान नहीं लिया गया है। इनका यह कदम अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बाल श्रम को लेकर जागरूकता फैलाने में काफी सफल साबित हुई।
ह्युमेनीटेरियन पुरस्कार
नोबेल पुरस्कार के अलावा सत्यार्थी को हार्वर्ड विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित पुरस्कार "ह्युमेनीटेरियन पुरस्कार " से सम्मानित किया जा चुका है।