इस गांव में रहने पर आपको मिलेंगे आठ लाख रुपए, एक घर और बिजनेस का मौका
रोम। यूरोप का खूबसूरत शहर इटली अपने यहां पर खाली पड़े गांवों से परेशान है। अब इन गांवों को फिर से बसाने के लिए और यहां पर खाली पड़े घरों के उपयोग के लिए एक ऐसी तरकीब निकाली गई है। इटली के इन सभी गांवों में लोगों को मुफ्त में बसने के लिए बुलाया जा रहा है। लोग न सिर्फ इन गांवों में खाली पड़े घरों को खरीद सकते हैं बल्कि वह यहां पर नौकरी भी कर सकते हैं। इटली दुनिया का वह देश है जहां पर वृद्धों की आबादी में तेजी से इजाफा हो रहा है और इस पर नियंत्रण के लिए इटली ने यह तरकीब निकाली है।
मुफ्त में मिलेगा घर
नॉर्दन इटली का एक पीडमांट अपने यहां बसने वालों को मुफ्त में घर की पेशकश कर रहा है। साथ ही यहां पर रहने वाले लोगों को और 10,000 यूरो यानि करीब सवा आठ लाख रुपए देने की पेशकश भी कर रहा है। लेकिन गांव का यह ऑफर खासतौर पर उन फैमिली के लिए है जो यंग है। गांव चाहता है कि नए लोग यहां आए और उनके समुदाय का हिस्सा बनें। पीडमांट गांव बहुत खूबसूरत पहाड़ी गांव है, जहां एक से सुंदर एक पुरानी शैली के मकानों के अलावा खूब हरियाली है और लंबे चौड़े खेत भी हैं।
दुनियाभर के लोगों के लिए है ऑफर
पीडमांट क्षेत्र में एक नहीं बल्कि कई गांव ऐसे ही पड़े हुए हैं और ये गांव लोकाना जिले में है। लोकाना के कई गांवों सूने और आबादी कम हो गई है। यहां पर जो लोग हैं वे सभी बूढ़े हैं। इसलिए सभी लोग चाहते हैं कि गांव में कुछ युवा लोग आएं और उनके साथ आकर रहें। ये सभी गांव इटली के प्रमुख शहर तूरिन से 45 किलोमीटर की दूरी पर है। इस गांव की तस्वीरों को अगर देखें तो इसकी खूबसूरती पर मोहित हो जाएंगे। शुरुआत में ये गांव में बसने की योजना केवल उन लोगों के लिए खोली गई थी, जो इटली में रह रहे हों लेकिन उसके बाद यहां की म्युनिसपिलिटी ने दायरा बड़ा कर दिया। अब इस ऑफर को दुनियाभर के लोगों के लिए खोल दिया है।
इस शर्त को पूरा करना होगा
यहां बसने की एक ही शर्त है और वह है कि यहां जो भी परिवार आए उसमें एक बच्चा जरूर हो। इसके अलावा सैलरी करीब छह हजार यूरो यानी 4.9 लाख रुपए होनी चाहिए। उन्हें वादा करना पड़ेगा कि वह इसी इलाके में रहेंगे। इसके अलावा गांववालों की तरफ से उन्हें तीन साल में आठ लाख रुपए की रकम दी जाएगी। गांव काफी पुराना है और इसे साल 1185 के आसपास बसाया गया था। यहां के मेयर गिवोनी ब्रुनो का कहना है कि वो चाहते हैं कि दूरदराज के मजदूर या ऐसे लोग यहां आएं जो यहां अपना बिजनेस शुरू करना चाहते हैं।