ऑप्टिकल फाइबर की पहुंच से गांवों में ‘इंटरनेट क्रांति’
देश ने तरक्की की है, लेकिन गांवों को इसका अहसास कैसे हो। यह सवाल अक्सर उठता रहा है। विकास और गांवों के बीच की दूरी ने विकास का रंग फीका कर दिया था, लेकिन अब विकास की रोशनी गांवों तक पहुंचने लगी है। गांवों में नयी जान, नयी ऊर्जा दिखने लगी है। इंटरनेट क्रांति ने गांवों की तस्वीर बदल दी है, जो आने वाले समय में उनकी तकदीर बदलने जा रही है। भारत नेट कार्यक्रम की सफलता ने देश के लगभग आधी ग्राम पंचायतों तक ऑप्टिकल फाइबर पहुंचा दिया है। पिछले दिनों केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने यह दावा किया।
इंटरनेट से रू-ब-रू हो रहे हैं ग्रामीण
भारत नेट योजना के तहत जुलाई 2017 तक देश के एक लाख ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जोड़ा जा चुका है। इन गांवों में वाकई लोगों ने इंटरनेट का बेधड़क इस्तेमाल शुरू कर दिया है और बदलाव नज़र आने लगा है। अब लोगों के हाथों में मोबाइल है और मोबाइल पर इंटरनेट और इंटरनेट पर बैंक। यानी मोबाइल को बटुआ बना लेने का प्रधानमंत्री का सपना सच हो रहा है। इंटरनेट की पहुंच ने इस सपने को सच कर दिखाया है।
ढाई लाख ग्राम पंचायतों में पहुंचेगा ऑप्टिकल फाइबर
देश में ढाई लाख ग्राम पंचायतों को भारत नेट योजना के तहत ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जोड़ा जाना है। 2018 के जून तक यह काम पूरा करने का लक्ष्य है। यानी बचे हुए डेढ़ लाख गावों तक अगले एक साल के भीतर ऑप्टिकल फाइबर की पहुंच हो जाएगी और लोग ब्रॉड बैंड सेवा का लाभ उठाने लग जाएंगे।
जारी है डिजिटल साक्षरता कार्यक्रम भी
भारत सरकार डिजिटल साक्षरता कार्यक्रम भी चला रही है ताकि अगले तीन साल में 6 करोड़ लोगों को डिजिटल रूप से साक्षर बनाया जा सके। इंटरनेट की पहुंच और साक्षरता का अभियान दोनों मिलकर भारत को कैशलेस इंडिया की ओर आगे ले जाएंगे।
2011 से चल रही है ऑप्टिकल फाइबर योजना
भारत नेट योजना की शुरूआत 2011 में हुई थी जब यूपीए का शासन था। मगर यूपीए शासनकाल के दौरान तीन साल में महज 368 किमी ऑप्टिकल फाइबर ही बिछाया जा सका था। बीते तीन साल में एक लाख ग्राम पंचायतों तक ऑप्टिकल फाइबर की पहुंच बनाकर सरकार ने आम लोगों के बीच नयी ऊर्जा का संचार किया है। वहीं यह उम्मीद भी जगाई है कि बाकी बचे डेढ़ लाख ग्राम पंचायतों तक ऑप्टिकल फाइबर पहुंचाने का काम अगले एक साल में पूरा कर लिया जाएगा। अब तक 2 लाख 10 हजार किमी ऑप्टिकल फाइबर बिछाया जा चुका है।