International Tiger Day: 300 ग्राम का दिमाग रखने वाले बाघ शानदार तैराक भी होते हैं, जानिए खास बातें
नई दिल्ली। आज विश्व बाघ दिवस है, जो कि हर साल 29 जुलाई को मनाया जाता है, पूरी दुनिया में कम हो रही बाघों की संख्या और उनकी बची जातियों को संरक्षित करने के लिए आज के दिन की शुरुआत हुई थी, साल 2010 में रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में आयोजित एक शिखर सम्मेलन में अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस मनाने क ऐलान हुआ था,टाइगर को विलु्प्त हो रही प्रजाति के अंदर रखा है, हालांकि लगातार हो रहे प्रयासों की वजह पिछले कुछ वक्त में बाघों की संख्या में तेजी आई है।
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भारत का तो राष्ट्रीय पशु है बाघ, तो चलिए बाघ दिवस पर जानते हैं विश्व के इस ताकतवर और सुंदर जानवर के बारे में खास बातें...
बाघ बिल्ली की प्रजाती के ताकतवर जानवर है...
- बाघ बिल्ली की प्रजाती के ताकतवर जानवर है, इनका वजन 300 किलो तक का होता है और ये 11 फीट को होते हैं।
- बाघों की प्रजाति में सुमात्रन, साइबेरियन, बंगाल टाइगर, साउथ चायना टाइगर, मलयन टाइगर और इंडोचायनीज टाइगर हैं।
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बाघ अपने जन्म के एक हफ्ते तक नेत्रहीन होते हैं
- एक शोध के मुताबिक बाघों के आधे से ज्यादा बच्चे दो साल की उम्र तक मर भी जातें हैं।
- बाघ के पैर बहुत मजबूत होते हैं,जो इन्हें शिकार करने में मदद करते हैं, आपको जानकर हैरत होगी कि बाघ के पैरों में इतनी ताकत होती है कि वो मरने के बाद भी खड़ा रह सकता है।
- बाघ अपने जन्म के एक हफ्ते तक देख नहीं सकते हैं, उनके अंदर देखने की शक्ति जन्म के 7 दिन को बाद जन्म लेती है।
बाघ का दिमाग 300 ग्राम तक का होता है
- बाघ पांच मीटर तक की ऊंचाई कूद सकता है। वहीं वह छह मीटर तक की चौड़ाई भी आराम से फांद सकता है।
- बाघ का दिमाग 300 ग्राम तक का होता है और ये शानदार तैराक होते हैं।
- जी हां, बाघ 6 किलोमीटर तक की दूरी आराम से तैर सकते हैं। मतलब, पानी में भी बच कर रहे।
एक टाइगर की दहाड़ में भी होती है बेहद ताकत
बाघों के दांत बेहद खास होते हैं, यहां तक की बाघों के श्वदंत या कैनाइन, जिससे वह अपने शिकार का चीड़ फाड़ करते हैं, यदि यह दांत टूट जाए तो बाघ की जिंदगी तक जा सकती है तो वहीं एक टाइगर की दहाड़ रात में 2 किलोमीटर तक की दूरी पर भी सुनाई दे सकती है।
टाइगोंस या लिगर्स कहलाते हैं ऐसे बच्चे
बाघों के बच्चे महज दो वर्ष की आयु में बाघिन का साथ छोड़ देते हैं। सफेद बाघों का जीन 10 हजार में से एक बाघ में होता है। भारत के अलावा बांग्लादेश, नार्थ कोरिया, साउथ कोरिया और मलेशिया का भी राष्ट्रीय पशु बाघ ही है। शेरों के साथ प्रजनन करने वाले बाघ के बच्चों को टाइगोंस या लिगर्स कहते हैं।
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