Army Day: 15 जनवरी को परेड का नेतृत्व करने वाली पहली लेडी ऑफिसर लेफ्टिनेंट भावना कस्तूरी
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नई दिल्ली। 15 जनवरी को इंडियन आर्मी अपना 71वां आर्मी डे मनाने जा रही है। इस मौके को लेफ्टिनेंट भावना कस्तूरी और खास बनाने वाली हैं। भावना, पहली लेडी ऑफिसर हैं जिन्हें आर्मी डे परेड के दौरान किसी दल का नेतृत्व करने का मौका मिला है। 15 जनवरी को लेफ्टिनेंट भावना 144 जवानों वाले दल का नेतृत्व करती हुई नजर आएंगी। साल 2015 में पहली बार देश की सेनाओं में बतौर ऑफिसर तैनात लेडी ऑफिसर्स को दल का नेतृत्व करने का मौका मिला था। उस समय 148 जवानों वाले सेना, वायुसेना और नौसेना के दल का नेतृत्व लेडी ऑफिसर्स ने किया था।
छह माह से जारी है प्रैक्टिस
लेफ्टिनेंट भावना कस्तूरी सेना की सर्विस कोर (एएससी) से आती हैं। आर्मी सर्विस कोर 23 वर्ष के बाद पहली बार आर्मी डे परेड में हिस्सा ले रही है। इस मौके पर आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे और परेड का निरीक्षण करेंगे। इंग्लिश अखबार डेली पायनियर से बात करते हुए लेफ्टिनेंट कस्तूरी ने कहा, 'यह पहली बार होगा जब कोई लेडी ऑफिसर आर्मी डे परेड पर दल का नेतृत्व कर रही है। इससे पहले किसी भी लेडी ऑफिसर को ऐसा मौका नहीं मिला है।' आर्मी डे परेड के लिए लेफ्टिनेंट कस्तूरी के दल के जवान पिछले एक वर्ष से अभ्यास कर रहे हैं। उन्होंने बताया, 'हमारा सेंटर बैंगलोर में है और मैं यहां पर अपने रेजीमेंटल सेंटर में आई हूं। पिछले छह माह से हम इस परेड के लिए मेहनत कर रहे हैं।'
सेना में परमानेंट कमीशन पर राय
उन्होंने बताया कि उनके अलावा दो पुरुष ऑफिसर्स जो रेजीमेंटल सेंटर से ही हैं, वह दल के कमांडर के तौर पर प्रैक्टिस कर रहे हैं। लेफ्टिनेंट कस्तूरी ने उन्हें यह मौका दिए जाने पर सेना का शुक्रिया अदा किया। उन्होंने कहा कि इस मौके से पता लगता है कि सेना के अंदर महिलाओं को किस तरह से स्वीकृति मिल रही है और किस तरह के बदलाव पूरी ऑर्गनाइजेशन के अंदर आ रहे हैं। इससे यह भी साफ होता है कि सेना महिलाओं को स्वीकार कर रही है। लेफ्टिनेंट कस्तूरी ने सेना में महिलाओं को परमानेंट कमीशन दिए जाने पर भी अपनी विचार साझा किए। उन्होंने कहा कि सेना की हायर अथॉरिटीज इस दिशा में कड़ी मेहनत कर रही हैं। अथॉरिटीज महिलाओं की ओर से किए जा रहे प्रयासों को भी मान्यता दे रही हैं।
क्यों 15 जनवरी को होता है आर्मी डे
15 जनवरी को आर्मी डे परेड का आयोजन हर वर्ष किया जा रहा है। 15 जनवरी को फील्ड मार्शल केएम करियप्पा के, इंडियन आर्मी की कमान संभाली थी। वह इंडियन आर्मी के पहले जनरल थे और उन्होंने ब्रिटिश जनरल सर फ्रांसिस बुचर से जिम्मा लिया था।इस वजह से पिछले 71 वर्षों से इस तारीख पर आर्मी डे मनाया जाता है। जनरल बुचर भारत में आखिरी ब्रिटिश कमांडर थे और 15 जनवरी 1949 उनके कार्यकाल का अंतिम दिन था। इस मौके पर देश के लिए अपनी जान गंवाने वाले शहीदों को भी सम्मानित किया जाता है।