Independence Day: विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊंचा रहे हमारा, जानिए इससे जुड़ी कुछ खास बातें
नई दिल्ली। भारतीय तिरंगा महज एक ध्वज नहीं है बल्कि ये हमारी आन-बान-शान और पहचान है, हवा में लहराता तिरंगा हर भारतीय के सीने को चौड़ा देता है, ये अक्स है हर हिंदूस्तानी का, ये मान है हर भारतीय का और ये गौरव है देश के हर इंसान का।
चलिए जानते हैं भारत के राष्ट्रीय ध्वज तिंरगे के बारे में कुछ जरूरी बातें...
सुख, शांति और समृद्दि
भारतीय ध्वज में तीन रंग की क्षैतिज पट्टियां और नीले रंग का अशोक चक्र अंकित है। इन तीन रंगों का भी मतलब है, ध्वज के सबसे ऊपर केसरिया, बीच में श्वेत ओर नीचे गहरे हरे रंग की पट्टी है। जिनका मतलब है सुख, शांति और समृद्दि। सफेद पट्टी के मध्य में गहरे नीले रंग का अशोक चक्र है जिसमें 24 तीलियां होते हैं।
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ध्वज की लम्बाई एवं चौड़ाई का अनुपात 2:3
ध्वज की लम्बाई एवं चौड़ाई का अनुपात 2:3 है। इस ध्वज की अभिकल्पना पिंगली वैंकैया ने की थी। इस तिरंगे की रचना 22 जुलाई 1947 में भारतीय संविधान-सभा की बैठक में तैयार हुई है।
अशोक चक्र
अशोक चक्र का व्यास लगभग सफेद पट्टी की चौड़ाई के बराबर होता है। इसे धर्म चक्र कहते हैं। इस धर्म चक्र को विधि का चक्र कहते हैं जो तृतीय शताब्दी ईसा पूर्व मौर्य सम्राट अशोक द्वारा बनाए गए सारनाथ मंदिर से लिया गया है। इस चक्र का मतलब यह है कि जीवन गतिशील है और रुकने का अर्थ मृत्यु है।
भारतीय ध्वज के लिए हमेशा खादी के कपड़े का इस्तेमाल होता है...
भारतीय ध्वज के लिए हमेशा खादी के कपड़े का इस्तेमाल होता है। तिरंगे के लिए हमारे देश में भारतीय ध्वज संहिता के द्वारा कुछ मानक तय किये गये हैं। जिसके हिसाब से राष्ट्रीय ध्वज को शैक्षिक संस्थानों (विद्यालयों, महाविद्यालयों, खेल परिसरों, स्काउट शिविरों आदि) में ध्वज को सम्मान की प्रेरणा देने के लिए फहराया जा सकता है।
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