जानिए रमजान में किस चीज से मिलता है 70 गुना सवाब
दरगाह के पास स्थित दुकानदारों से हमने सुन्नत की अहम चीजों से मुलाल्लिक जानकारी ली। उन्होंने बताया कि मिसवाक नामक दातून रमजान में मुंह को पाक रखने वाली है। जिससे रमजान में दांत साफ करके नमाज पढ़ने पर सत्तर गुना जयादा सबाव मिलता है। बुद्विजीवियों का कहना है कि मिसवाक पैगम्बर रसूल की सुनन्त है। अहम है कि पाकिस्तान के बाद भारत के राजस्थान में ही मिसवाक का पेड़ है।
मिसवाक मुंह को पाक करने वाली चीज है
मिसवाक एक दातून है। जो छोटे-बडे़ और मोटे-पतले कई आकार में बाजार में उपलब्ध है। मिसवाक के संबंध में नवीरे आला हजरत ने बताया कि हजरत आयशा सिद्दीकी से रिवायत है कि मिसवाक मुंह को पाक करने वाली चीज है। नवी-ए-पाक ने मिसवाक को बजू की सुनन्त करार दिया है। रमजान में वुजू में मिसवाक करके नमाज पड़ने से नमाज का सवाब सत्तर गुना तक बड़ जाता है।
मिसवाक से जुड़ी अन्य बातें स्लाइडर मे-
पाकिस्तान से नहीं, राजस्थान से आता है मिसवाक
बरेली में दरगाह आला हजरत स्थित दुकानदार हाजी गुलाम रब्बानी ने बताया कि बरेली में मिसवाक राजस्थान से आता है। इसके पेड़ सउदी अरब, पाकिस्तान के बाद राजस्थान में पाए जाते हैं। वहां पर उगे हुए पीलू के पेड़ की लकड़ी से मिसवाक बनाया जाता है। रमजान में मिसवाक की कीमतों में इजाफा हो गया है।
10 से 15 रुपए तक कीमत
दरगाह आला हजरत पर दुकान चलाने वाले दुकानदार का कहना है कि रमजान के दिनों में मिसवाक 10 से 15 रुपए में बिक रही है।
मिसवाक से बेक्टीरिया मुंह में नहीं पनप पाते
हुजूर आला हजरत के बेटे मन्नान रजा खां ने बताया कि मिसवाक को दातों पर ब्रष की तरह रगड़ने से दातों में चमक आने के साथ ही कीड़ों की समस्या से भी छुटकारा मिलता है। अन्य रोगों में भी यह मुफीद साबित होता है।
मेडिकल साइंस भी मानती है इसके गुणों को
मेडिकल सांइस ने भी इसके गुणों को माना है। डाक्टरों का कहना है कि मिसवाक पेट की बीमारियों में भी फायदेमंद साबित हुआ है। मिसवाक से वैक्टीरिया मुंह में नहीं पनप पाते हैं। चाय और काफी का ज्यादा इस्तेमाल करने वालों के लिए यह ज्यादा फायदेमंद है, मिसवाक करने से एसिडिटी की रोकथाम हो जाती है।
नमाज के वक्त मिसवाक
एक अन्य रोजेदार मौलाना मोहम्मद अली रिजवी ने बताया कि मिसवाक के शौकीन इसे पहले से ही पाकिस्तान और सउदी अरब से भी मंगाकर रखते है, और रमजान में इसका इस्तेमाल करते हैं। मिसवाक के कुछ शौकीनों का कहना है कि यह हुजुर सलातो सलाम का पंसदीदा अमल था। हजरत अबु हुरैरा से रिवायत है कि रसूल अल्लाह ने फरमाया है कि ''दुश्वार न लगता तो मैं हर नमाज के वक्त मिसवाक करने का हुक्म देता''।
खुश होते हैं अल्लाह
दरगाह आला हजरत के उलेमा अब्दुल फारुख ने बताया कि पाकिस्तान की मिसवाक खासतौर से पंसद की जाती हैं। मिसवाक करने से अल्लाह से रब तआला खुश होता है।
मिसवाक मुंह को पाक करने वाली चीज है
मिसवाक एक दातून है। जो छोटे-बडे़ और मोटे-पतले कई आकार में बाजार में उपलब्ध है। मिसवाक के संबंध में नवीरे आला हजरत ने बताया कि हजरत आयशा सिद्दीकी से रिवायत है कि मिसवाक मुंह को पाक करने वाली चीज है। नवी-ए-पाक ने मिसवाक को बजू की सुनन्त करार दिया है। रमजान में वुजू में मिसवाक करके नमाज पड़ने से नमाज का सवाब सत्तर गुना तक बड़ जाता है।