जानिए 8 करोड़ साल पहले यूरेशिया की ओर कैसे खिसका भारत
नेपाल में भूकंप आया तो दुनिया भर के भूगर्भ वैज्ञानिकों ने कहा कि चूंकि भारत उत्तर की ओर खिसका रहा है, इसलिये टेक्टोनिक प्लेटों से ऊर्जा उत्सर्जित हो रही है और इसी के कारण यह भूकंप आया। भारत के उत्तर की ओर यानी यूरेशिया की ओर खिसकने की बात तो सब जानते हैं, लेकिन 8 करोड़ साल पहले ऐसा क्या हुआ था, यह समझाने की कोशिश की है वैज्ञानिकों ने।
अमेरिका के मैसेच्युसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों ने अपने एक शोधपत्र में इस बात का खुलासा किया है कि कैसे भारत उत्तर की ओर खिसका और कैसे हिमालय का निर्माण हुआ।
वैज्ञानिकों के अनुसार भारत पहले वहां था, जिस जगह पर ऑस्ट्रेलिया है। पृथ्वी पर भूगर्भीय परिवर्तन हुए, जिसके चलते भारतीय महाद्वीप आकर एशिया से टकराया और उस दौरान भारत की टेकटॉनिक प्लेट नीचे की ओर चली गई। इसी दौरान जिस हिस्से में भारत टकराया, उस हिस्से में पहाड़ों का निर्माण हुआ। यह सब एक दिन में नहीं हुआ, बल्कि इस परिवर्तन में लाखों साल लगे।
वैज्ञानिकों का कहना है कि 14 करोड़ साल पहले भारत गोंडवाना का भाग हुआ करता था। यह पृथ्वी के दक्षिणी हिस्से में है। जब व्यापक स्तर पर भू-परिवर्तन हुए, तब भारत अंटार्कटिका से कटकर एशिया से जा मिला। इसके कई सारे प्रमााण पृथ्वी पर मौजूद भी हैं।
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12 करोड़ साल पहले भारत उत्तर की ओर खिसकना शुरू हुआ और पांच सेंटीमीटर प्रति वर्ष की रफतार से आगे बढ़ने लगा। लेकिन करीब 8 करोड़ साल पहले यह रफ्तार तेज होकर 15 सेंटीमटर तक हो गई। 5 करोड़ साल पहहले यह यूरेशिया से टकराया और तभी हिमालय पवर्त बने।
वैज्ञानिकों का कहना है कि भारतीय टेक्टोनिक अब उत्तरी टेक्टॉनिक के नीचे की ओर अग्रसर है, लिहाजा यह आगे बढ़ते-बढ़ते पृथ्वी के गर्भ में जा रही है। वर्तमान में भारत 5 से 15 सेंटीमीटर की गति से ऊपर बढ़ रहा है। और अगर ऐसा ही जारी रहा, तो आने वाले 15 करोड़ साल बाद भारत पूरी तरह खत्म हो जायेगा। और भारतीय महासागर की ऊंची-ऊंची लहरें हिमालय के पहाड़ों से टकराने लगेंगी।