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जानिए एक अप्रैल मूर्ख दिवस का इतिहास, कैसे-कैसे मनाते हैं लोग

By मुकुंद सिंह
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अप्रैल माह के पहले दिन को आम तौर पर पूरी दुनिया में मूर्ख दिवस या अप्रैल फूल डे के रुप में मनाया जाता है। इस दिन अच्छे खासे समझदार और प्रतिभाशाली व्यक्ति भी मूर्ख बनने, बनाने या कहलाने में खुशी महसूस करते हैं। वैसे अन्य दिनों में किसी को बेवकूफ बनाने से बेवकूफ बना बना व्यक्ति नाराज हो जाता है। लेकिन इस दिन वह बुरा नहीं मानता है। चलिये पढ़ते हैं इस रोचक दिवस का इतिहास और इस दिन से जुड़े रोचक तथ्य।

History of 1st April fool Day in Hindi

* भारत में प्राचीन काल में 'सुरान भवन' नामक मुर्खोत्सव प्रतिवर्ष काशी, राजगीर और श्रावस्ती में धूमधाम से मनाया जाता था। यह उत्सव पूरे एक सप्ताह चलता तक चलता था। इस उत्सव का विवरण जातक ग्रंथों से मिलता है। बनारस में आज भी वरनाप्याला नामक महोत्सव हर साल मनाया जाता है, जिसमें स्त्री-पुरुष एकत्र होकर सुरापान करके आनंद मनाते हैं।

जानिए एक अप्रैल मूर्ख दिवस का इतिहास

* इतिहास में 1860 की 1 अप्रैल खासी मशहूर रही है। लंदन में हजारों लोगों के पास डाक कार्ड से पोस्ट कार्ड द्वारा एक सूचना पहुंची कि आज शाम टॉवर ऑफ लंदन में सफेद गधों के स्नान का कार्यक्रम होगा। देखने के लिए आप आमंत्रित हैं। कृपया साथ में कार्ड अवश्य लाएं।

* ज्ञात हो उस समय टॉवर ऑफ लंदन में आम जनता का प्रवेश वर्जित था। शाम होते टावर के आसपास हजारों लोगों की भीड़ जमा होने लगी और अंदर प्रवेश के लिए धक्का-मुक्की होने लगा लगी। लोगों को जब पता चला कि उन्हें मूर्ख बनाया गया है तो वह किसी आकर अपने घर लौट गए।

* प्राचीन काल में चीन में 'डींग दिवस' मनाया जाता था। इस दिन चीनी लोग लंबी-लंबी डींगे मारते थे। चीन के यांगसी प्रांत में प्रतिवर्ष नदी देवता का विवाह एक कुंवारी कन्या से होता था। कन्या को पकवान आदि खिला कर उसका साज-श्रृंगार करके लड़की को एक तख्ते को सुहाग सेज बना कर उस पर लिटाया जाता दिया जाता था और उस तख्ते को नदी में प्रवाहित कर दिया जाता था। जो कन्या सहित नदी में डूब जाता था। यह क्रूरता का परिचायक था।

* अमेरिका की कौतुक समिति नामक संस्था ने 1945 में अप्रैल के पहले सप्ताह को राष्ट्रीय हास्य सप्ताह मनाने का निर्णय लिया था। इसी प्रकार 1960 में अप्रैल के पहले सप्ताह को अमेरिका के पब्लिसिटी स्टंट के रूप में जोरदार ढंग से मनाया गया।

* यूरोप देशों में पुराने समय में 1 अप्रैल के दिन हर मालिक नौकर की भूमिका अदा करता और नौकर मालिक का बनकर हुकुम चलाता था। नौकर बने मालिक को उसका हर आदेश का पूरा करना पड़ता था। वह मालिक बने नौकर के लिए खाना बनाता, कपड़े धोता, और उसके बताए अन्य सभी कार्य विनम्रता पूर्वक करता था।

* फ्रांस के नारमेडी मे 1 अप्रैल को एक अनोखा जुलूस निकलता था, जिसमें एक घोड़ा गाड़ी में सबसे मोटे आदमी को बैठाकर सारे शहर में घुमाया जाता ताकि उसे देखते ही लोग खिल खिलाकर हंस पड़े और फिर नाचते गाने लगे।

* थाईलैंड जिसे प्राचीन काल में स्याम कहा जाता था में कुलसिका का नामक मूर्खों का मेला हर्ष वर्ष आयोजित होता था, जिसमें फिनीशिया, पार्थिया, इस्राइल, लीबिया, आदि देशों के लोग भाग लेते थे। इसमें एडोनिस देवता की मृत्यु एवं उसके पुनर्जन्म के उपलक्ष में एक महोत्सव होता था। उत्सव का प्रथम दौर देवता की मृत्यु के रूप में होता था इस समय बहुत सी स्त्रियां विलाप करती हुई अपना मुंडन तक करवा लेती थीं। पुरुष रोते गाते एक दूसरे पर चप्पल चलाने लगते थे। फिर देवता का पुनर्जन्म होता था। देवता की नंगी मूर्ति का जुलूस लेकर हल्ला मचाते लोग घूमते थे।

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English summary
Read history of 1st April or an April fool Day in Hindi. Know how people celebrate this day in all over the world.
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