तस्वीरों में: कानून जो महिलाओं को कराते हैं गुलामी का अहसास
नयी दिल्ली। दुनिया तेजी से बदल रही है। पुरुषों के साथ-साथ महिलाएं भी विकास का अहम हिस्सा बनती जा रही है। लेकिन अभी भी दुनिया के कई ऐसे शहर है जहां ऐसे कानून है जो महिलाओं को विकास की धारा में लाने के बजाए उन्हें पीछे धकेलती है।
दुनिया के कई देशों में ऐसे कानून है जो महिलाओं को अब बी गुलामी का अहसास कराते है। उन्हें ना तो वोट देने का अधिकार मिला है और ना ही नौकरी करने का। कई देश तो ऐसे है जहां महिलाओं को ड्राइविंग तक का अधिकार नहीं हासिल है। आपको ऐसे देशों को कानूनों से अवगत कराते है जो महिलाओं को गुलामी की जंजीर में जकड़े हुए हैं।
वोटिंग का अधिकार नहीं
वेंटिकन सिटी में महिलाओं को वोट देने का अधिकार अब तक नहीं दिया गया है। यहां ना तो महिलाएं वोट दे सकती है और ना ही तलाक मांग सकती है।
अपनी मर्जी से नहीं पहन सकती ड्रेस
ईरान में महिलाओं को मिनी स्कर्च पहनने का अधिकार हासिल नहीं है। ऐसा करने पर उन्हें कैद की सजा मिल सकती है।
मनोरंजन का अधिकार नहीं
ईरान में महिलाओं को फुटबॉल मैच देखने का अधिकार हासिल नहीं है। अगर वो इसका उल्नलंध करती है तो उन्हें कानून के मुताबिक सजा मिल सकती है।
तलाक ली तो नहीं मिलेगी संपत्ति में हिस्सेदारी
ईरान में अगर महिलाओं ने अपने पति से तलाक मांगी तो तलाक के बाद उसका उसके पति की संपत्ति पर कोई अधिकार नहीं रह जाएगा।
नौकरी के लिए पति की रजामंदी
तुर्की के कानून के मुताबिक महिलाएं अपनी मर्जी से नौकरी नहीं कर सकती है। उन्हें नौकरी के लिए पति की मंजूरी देनी पड़ती है। अगर पति की मर्जी के बिना वो नौकरी करती है तो उन्हें जेल बी जाना पड़ सकती है।
पत्नी को पीटने का अधिकार
अमेरिका भले ही आधुनिक और विकसित दश कहलाता है, लेकिन आपको जानकार ताज्जुव होगा कि अमेरिका के अरकंसास प्रांत में पति द्वारा पत्नियों को पीटना कानूनी रुप से जायज है। यहां के कानून के मुताबिक पति महीने में एक बार पत्नी को पीट सकता है।
नाबालिग लड़कियों की शादी को कानूनी मान्यता
यमन में नाबालिग लड़कियों की शादी को कानूनी मान्यता हासिल है। यहां 14-15 साल की लड़कियों की शादी को कानून से मान्यता मिली है।
महिलाएं नहीं चला सकती गाड़ी
साउदी अरब में महिलाएं अब भी ड्राइविंग नहीं कर सकती है। हलांकि अब सरकार इस कानून को बदलने की तैयारी कर रही है।