Teachers day 2019: 5 सितंबर को क्यों मनाते हैं शिक्षक दिवस, कौन थे डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन?
Recommended Video
नई दिल्ली। भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन आज यानी कि 5 सितंबर को भारत में 'शिक्षक दिवस' के रूप में मनाया जाता है। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म दक्षिण भारत के तिरुत्तनि स्थान में हुआ था जो चेन्नई से 64 किमी उत्तर-पूर्व में है, सर्वपल्ली राधाकृष्णन हमारे देश के दूसरे राष्ट्रपति थे। राजनीति में आने से पहले उन्होंने अपने जीवन के 40 साल अध्यापन को दिये थे। सर्वपल्ली राधाकृष्णन का मानना था कि बिना शिक्षा के इंसान कभी भी मंजिल तक नहीं पहुंच सकता है इसलिए इंसान के जीवन में एक शिक्षक होना बहुत जरूरी है।
डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का आज जन्मदिन
भारत रत्न से सम्मानित डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने इसलिए शिक्षकों को सम्मान देने के लिए अपने जन्मदिन को 'शिक्षक दिवस' के रूप मे मनाने की बात कही थी, 'शिक्षक दिवस' भारत में 'शिक्षक दिवस'5 सितंबर को मनाया जाता है लेकिन विश्व के दूसरे देशों में इस मनाने कि तिथियां अलग-अलग हैं।
यह पढ़ें: Teachers day 2019: शिक्षक दिवस पर अपने टीचर्स को भेजें ये संदेश
'शिक्षक दिवस'
आपको जानकर हैरत होगी कि यूनेस्को ने आधिकारिक रूप 1994 में 'शिक्षक दिवस' मनाने के लिए 5 अक्टूबर को चुना। इसलिए अब 100 से ज्यादा देशों में इस दिन 'शिक्षक दिवस' के रूप में मनाया जाता है।
डॉ. राधाकृष्णन समूचे विश्व को एक विद्यालय मानते थे...
डॉ. राधाकृष्णन समूचे विश्व को एक विद्यालय मानते थे, उनका मानना था कि शिक्षा के द्वारा ही मानव मस्तिष्क का सदुपयोग किया जा सकता है। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारत के पहले उप-राष्ट्रपति, दूसरे राष्ट्रपति, महान दार्शनिक, बेहतरीन शिक्षक, स्कॉलर और राजनेता थे। राधाकृष्णन एक बेहतरीन शिक्षाविद थे और राष्ट्रनिर्माण करने के लिए युवाओं को तैयार करने के लिए समर्पित थे
सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया
राधाकृष्णन 1931 में ब्रिटिश साम्राज्य द्वारा 'सर' की उपाधि प्रदान की गई थी लेकिन आजादी के बाद उसका औचित्य डॉ. राधाकृष्णन के लिये समाप्त हो चुका था। जब वे उपराष्ट्रपति बन गए तो स्वतंत्रभारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने 1954 में उन्हें उनकी महान दार्शनिक व शैक्षिक उपलब्धियों के लिये देश का सर्वोच्च अलंकरण भारत रत्न प्रदान किया।