Happy Mother's Day: मां तो सिर्फ मां है....जिसका कोई विकल्प है ही नहीं
नई दिल्ली। 'मां ' लब्ज जुबान पर आते ही आंखों में एक अलग सी चमक आ जाती है, लगता है जैसे कि सारी परेशानियों का अंत हो गया है और इसलिए ही शायद उसके आगे सिर खुद ब खुद नतमस्तक हो जाता है, वक्त बदला, हमारे आस पास की हर चीज में बदलाव है क्योंकि आज जमाना आगे बढ़ने का है, जो इस बदलते वक्त के साथ आगे नहीं बढ़ेगा वो थम जायेगा, उसकी प्रगति रूक जाएगी लेकिन वक्त की इस आंधी में ना तो मां का प्रेम बदला है और ना ही उसकी भावनाएं, उसकी ममता में आज भी किसी भी चीज की मिलावट नहीं है, बच्चे की मुस्कान ही मां की धरोहर होते हैं और उनकी खुशी से ही वो दिवाली और ईद मनाती हैं लेकिन दुनिया ने मां को समर्पित करते हुए एक दिन उसके नाम पर रखा है जिसे हम 'मदर्स डे' कहते हैं।
मां..ये शब्द अपने आप में संपूर्ण हैं..
मां..ये शब्द अपने आप में संपूर्ण हैं.. कहते हैं ना..कोई नारी तभी पूरी होती है जब वो मां बनती हैं। मां जिसके बिना हर कोई अधूरा है, बच्चा जब पैदा होता है, आखें भी नहीं खोलता है, तब से लेकर जिंदगी की अंतिम सांस तक केवल मां ही होती है जो बच्चे को समझती है। तभी तो मां का कहना कोई टाल नहीं सकता है, फिल्मों से लेकर विज्ञापन तक हर जगह मां सक्सेसफूल है, आज की मां मार्डन हो चुकी है लेकिन उसकी महानता और मर्यादा दोनों अपनी जगह आज भी कायम हैं।
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मां का कोई विकल्प हो ही नहीं सकता...
आधुनिकता का असर चारों ओर दिखता है, टीवी पर कल की साड़ी के पल्लू में मुंह छुपाती मां आज जींस में दिखती हैं लेकिन उनकी भावनाओं में आज भी कोई फर्क नहीं है, आज भी उसका पेट तब ही भरता है जब उसके बच्चे खाना खा चुके होते हैं, उसकी आंखो की नींद तभी पूरी होती है, जब उसके बच्चे सो जाते है, वो तभी खुश होती है जब उसके बच्चे मुस्कुराते हैं और उसकी आंखे तब ही नम होती है जब उसके बच्चे दुखी होते है। जिंदगी आज भाग रही है, लोगों के पास अपने लिए ही समय नहीं है, हर चीज का विकल्प मार्केट में उपस्थित है, लेकिन शायद मां का कोई विकल्प हो ही नहीं सकता।
मां तो हर पल साथ होती है...
आज युवा पीढ़ी तरक्की के लिए अपने मां-बाप से दूर हो रही है, मीलों दूर वो अपनों को छोड़कर चले आते हैं लेकिन जब थक कर बिस्तर पर पहुंचते हैं तो मां का ही सहलाना उन्हें याद आता है, बाजार के खाने में मां का ही स्वाद खोजते हैं यहां तक अगर गलती से कुछ अच्छा मिल जाता है तो उनके मुंह से यही निकलता है ये तो मां के खाने जैसा है, कहने का मतलब ये ही कि हर चीज मां जैसी हो सकती है पर वो मां नहीं हो सकती।
आई लव यू मां... हैप्पी मदर्स डे
10 मई को मां का दिवस है, आज तो मीडिया तंत्र इतना प्रबल है कि मार्केट में मां के गिफ्ट के नाम पर बहुत कुछ उपलब्द्ध है, लेकिन आपको बता दें शायद दुनिया में मां ही ऐसी है जिसे बदले में कुछ नहीं चाहिए होता है, उसका प्यार निस्वार्थ होता है, तभी तो हर लड़का अपनी बीवी में अपनी मां को खोजता है, उसी तरह का समपर्ण और प्यार की तलाश करता है जो उसे उसकी मां से मिलता है। तो दोस्तों देर किस बात की है, अगर आप अपनी मां के पास है तो तुरंत उनके पास जाइए और अगर नहीं हैं तो तुरंत फोन पर नंबर घूमाइये और बोलिए.. आई लव यू मां... हैप्पी मदर्स डे।
कुछ खास बातें
- 'मदर्स डे' की शुरुआत ने वेस्ट वर्जिनिया में एना जार्विस ने की थी उन्होंने इस दिन अवकाश घोषित कर दिया था।
- बाद में ये हॉलीडे काफी लोकप्रिय हो गया जिसे कि 'होलमार्क होलीडे' की संज्ञा दे दी गई।
- कहा जाता है कि मातृ पूजा का रिवाज पुराने ग्रीस से शुरू हुआ था जो स्य्बेले ग्रीक देवताओं की मां थीं, ग्रीस में यह त्योहार के रूप में 18 मार्च को मनाया जाता था।
ब्रिटेन में 'मदर्स डे' को एक खास संडे को मनाया जाता है....
- यूरोप और ब्रिटेन में 'मदर्स डे' को एक खास संडे को मनाया जाता है जिसे कि 'मदरिंग संडे' कहते हैं।
- मातृ दिवस, अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में कई देशों में 8 मार्च को मनाया जाता हैं, लेकिन भारत में 'मदर्स डे' मई महीने के दूसरे रविवार को मनाया जाता है।
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