जलवा जिसका कायम, नाम उसका मुलायम : जानिए 'धरतीपुत्र' के बारे में कुछ अनकही बातें
नई दिल्ली। पूरे देश में समाजवाद का नारा बुंलद करने वाले और पिछड़ी जाति के रहनुमा कहलाने वाले समाजवादी पार्टी के संरक्षक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह का आज जन्मदिन है, शुक्रवार को उन्होंने अपने जीवन के 80 वर्ष पूरे किए हैं, यूपी के सैफई से दिल्ली की संसद तक पहुंचने वाले मुलायम सिंह यादव ने एक अलग तरह की राजनीति को जन्म दिया जिसके चलते वो यूपी के तीन बार सीएम बने। 'धरती पुत्र' उपनाम से मशहूर मुलायम सिंह यादव देश की उन राजनीतिक हस्तियों में से एक हैं जिन्होंने अपने बूते फर्श से अर्श तक का शानदार सफर तय किया है, 80-90 के दशक में उनके बारे में सियासी गलियारों में सिर्फ एक ही नारा गूंजा करता था कि 'जलवा जिसका कायम है, नाम उसका मुलायम है'।
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मुलायम सिंह का जन्मदिन आज
मुलायम सिंह यादव का जन्म ग्राम सैफई जिला इटावा में 22 नवंबर 1939 को एक किसान परिवार में हुआ। उनके पिता स्व. सुघर सिंह यादव अत्यन्त सरल हृदय किन्तु कर्मठ किसान थे। मुलायम ने आगरा विश्वविद्यालय से एमए, बीटी की डिग्री ली। वह जैन इन्टर कालेज करहल मैनपुरी में प्रवक्ता भी रहे।
चलिए उनके बारे में जानते हैं कुछ अनकही बातें...
पहलवानी का शौक रखते थे मुलायम सिंह यादव
- इटावा जिले के सैफई गांव में जन्में मुलायम सिंह यादव को राजनीति से पहले पहलवानी का शौक था। राजनीति में आने से पहले मुलायम सिंह इंटर कालेज में अध्यापक थे।
- मुलायम सिंह ने आगरा विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर (एमए) एव जैन इन्टर कालेज करहल (मैनपुरी) से बीटी किया है।
- 28 साल की उम्र में 1967 में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर पहली बार जसवंत नगर क्षेत्र से विधानसभा सदस्य चुने गए।
गठबंधन की राजनीति के जनक के कहे जाते हैं मुलायम
- मुलायम सिंह यादव को गठबंधन की राजनीति के जनक कहा जाता है, इन्होंने पहली बार बसपा-सपा के गठजोड़ से यूपी में सरकार बनायी और खुद सीएम बने।
- देश में जब ठाकुर-पंडित की राजनीति होती थी, ऐसे में मुलायम ने यादव सहित सभी पिछड़ी जातियों को एक करके उन्हें पहचान दिलाने का काम किया।
सुरकोकिला लता मंगेशकर की आवाज के मुरीद हैं मुलायम
राजनीति से इतर मुलायम सिंह यादव को संगीत का भी शौक है, वो कई मौकों पर कह चुके हैं कि वो सुरकोकिला लता मंगेशकर की आवाज के मुरीद हैं। समाजवाद का नारा बुलंद करने वाले मुलायम नेल्सन मंडेला से काफी प्रभावित रहे हैं, दोनों की एक बार मुलाकात साल 1990 में वाराणसी एयरपोर्ट पर हुई थी।
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