Happy B'Day Jayaprada: न्यूड तस्वीरों के दंश के बावजूद जयाप्रदा ने जीता था दो बार आजम का 'रामपुर'
नई दिल्ली। फिल्म अभिनेत्री जयाप्रदा किसी भी परिचय की मोहताज नहीं हैं। बेपनाह सुंदरता और अभूतपूर्व प्रतिभा की धनी जयाप्रदा की गिनती उन नामचीन अभिनेत्रियों में होती हैं, जिन्होंने अपने दम पर एक अलग पहचान बनाई है। फिल्म जगत में अपना परचम लहराने वालीं जयाप्रदा ने राजनीति की बिसात पर भी अपने आप को अव्वल साबित किया, हालांकि सियासी सफर उनके लिए आसान नहीं रहा, फिल्मी कैनवस की चमकती दुनिया से निकलकर जयाप्रदा ने जब राजनीति की धरातल पर कदम रखा तो उन्हें राहों में फूल कम कांटे ज्यादा मिले।
तेलुगू देशम पार्टी से की थी सियासी सफर की शुरुआत
गौरतलब है कि जयाप्रदा को सन् 1994 में अभिनेता एन.टी. रामराव की तेलुगू देशम पार्टी ज्वाइन करके राजनीति में प्रवेश किया था लेकिन इस पार्टी में उनका अनुभव खासा अच्छा नहीं रहा और उन्होंने पार्टी छोड़ दी और चंद्रबाबू नायडू के दल में शामिल हो गईं, जिसका फायदा उन्हें मिला और वो सन् 1996 में आंध्र प्रदेश से राज्यसभा पहुंची।
तेदेपा छोड़कर सपा का दामन थामा
लेकिन यहां भी उन्हें खट्टे अनुभव मिले, उनके और पार्टी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू के बीच बनी नहीं, जिसके कारण जया ने तेदेपा छोड़ दी और समाजवादी पार्टी को ज्वाइन कर लिया। बस यहीं से जया के सियासी सफर का बड़ा अध्याय शुरू हुआ, जिसने यूपी से लेकर दिल्ली तक हड़कंप मचा दिया।
आजम खां ने किया घोर विरोध
दरअसल जयाप्रदा को सपा में लाने वाले थे उनके अजीज दोस्त अमर सिंह, जो उस वक्त सपा मुखिया मुलायम सिंह के काफी करीबी और पार्टी में नंबर दो की हैसियत रखते थे। अमर सिंह ने मुलायम से कहकर जयाप्रदा को रामपुर से चुनाव लड़वाने को कहा, जो कि पार्टी के कद्दावर नेता आजम खां, को अच्छा नहीं लगा औऱ यहीं से विरोध और जहरीली सियासत की नई पारी आरंभ हुई।
जमकर मचा सियासी बवाल
दरअसल रामपुर मुस्लिम बाहुल्य इलाका है और आजम खां का गढ़ माना जाता है, यहां से आजम अपनी पत्नी का टिकट चाहते थे लेकिन सपा ने जयाप्रदा को टिकट दे दिया, जिसका विरोध करते वक्त आजम खां ने मर्यादा की सारी सीमाएं लांघ दी।
आजम खान पर नग्न तस्वीरों का वितरण करने का आरोप लगाया जयाप्रदा ने
11 मई 2009 को, जयाप्रदा ने आरोप लगाया कि समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान ने उनकी नग्न तस्वीरों का वितरण किया है और उन्हें 'नाचने वाली' कहकर अपमान किया है। जयाप्रदा बनाम आजम खान की लड़ाई उस वक्त राजनीतिक गलियारों का हॉट टॉपिक हुआ करती थी, जिसकी टीस आज भी दोनों के अंदर है, जो गाहे-बेगाहे आरोप-प्रत्यारोप के माध्यम से लोगों के सामने आती रहती है। फिलहाल तमाम विरोध और अपमान के बावजूद जयाप्रदा मैदान में डटी रहीं और वो रामपुर से जीत कर संसद पहुंचीं। गौरतलब है कि जया ने रामपुर से दो बार चुनाव जीता है।
अखिलेश यादवने पार्टी से निकाला
हालांकि अखिलेश यादव के पार्टी का मुखिया बनने के बाद अमर सिंह और जयाप्रदा को पार्टी से निकाल दिया गया और इसके बाद जया प्रदा अमर सिंह के साथ राष्ट्रीय लोकदल में शामिल हो गई थीं। रालोद के टिकट पर जया ने 2014 लोकसभा चुनाव बिजनौर संसदीय सीट से लड़ा था, लेकिन इस बार वो जीत नहीं पाईं।
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