Happy Birthday Gulzar: राखी के लिए गुलजार का दिल आज भी बच्चा ही है
नई दिल्ली। बॉलीवुड के सशक्त पुरोधाओं में से एक हैं गुलजार, कलम ही जिनकी ताकत है औऱ रूमानियत जिनका मिजाज.. गालिब अगर उर्दू के चांद है तो गुलजार बॉलीवुड के नायाब हीरे.. पिछले 59 सालों से गुलजार ने अपनी शायरी और लेखनी से हर दिल पर दस्तक दी है तभी तो उनकी निकली हर एक बात ... दूर तलक जाती है। आज भले ही भाषा के जादूगर गुलजार 86 साल के हो गए हैं लेकिन उनकी शख्सियत पर उम्र का पहरा नहीं और ना ही मिजाज में कोई ठहराव है, तभी तो वह आज भी अपने दिल की हर एक खता को यह कहकर माफ कर देते हैं कि 'यार दिल तो बच्चा है जी।
गुलजार की जिंदगी का हसीन सच
हां यह और बात है कि कभी-कभी उनके दिल में यह ख्याल आता है कि कजरारे नैना.. किसी की बीड़ी भी जिगर से जलवा सकते हैं.. खैर यह आशिकी है उनकी, जो ना चाहते हुए भी कागज पर उनकी कलम बयां कर देती है, गीतकार, कहानीकार और शायर के रूप में तो गुलजार के बारे में तो हर एक बात आप जानते ही हैं,चलिए आज आपको बताते हैं उनकी जिंदगी का एक बेहद ही हसीन सच... जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे।
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गुलजार ने की सिर्फ राखी से मोहब्बत
आप में से बहुत कम लोग जानते होंगे कि गुलजार, जिनका असली नाम संपूर्ण सिंह कालरा है, ने बॉलीवुड की सशक्त अभिनेत्रियों में से एक, राखी से शादी की थी, हालांकि राखी उनकी दूसरी पत्नी थीं लेकिन दोनों ने प्रेम-विवाह किया था लेकिन तकदीर को कुछ और ही मंजूर था, जिसके कारण राखी और गुलजार का जिंदगी की राह में साथ-साथ चलना मुश्किल हो गया और इसलिए दोनों अलग-अलग हो गए लेकिन बिना कोई रिश्ता तोड़े।
राखी और गुलजार ने एक-दूसरे को तलाक नहीं दिया
जी हां, राखी और गुलजार ने एक-दूसरे को तलाक नहीं दिया, दोनों को शादी से एक बेटी मेघना गुलजार भी है,जिनके जन्म के एक साल बाद ही राखी और गुलजार अलग हो गए लेकिन बावजूद इसके दोनों ने एक-दूसरे को लिखित तलाक नहीं दिया, आज भी गुलजार की कामयाबी पर राखी मुस्कुराती हैं और गुलजार अपनी कविताओं में राखी को याद करते हैं, वो दोनों साथ होकर भी साथ नहीं और अलग होकर भी अलग नहीं है, दोनों की जिंदगी रेल की दो पटरियों की तरह साथ-साथ चलती तो हैं लेकिन इनका मिलना मुमकीन नहीं।
राखी के लिए गुलजार ने लिखा-दिल तो बच्चा है जी..
कहा तो यह भी जाता है कि फिल्म इश्कियां का हिट सांग दिल तो बच्चा है... को गुलजार ने राखी के लिए ही लिखा था.. जिसमें उन्होंने अपनी जिंदगी में राखी की अहमियत बतायी थी और अपनी खता के लिए माफी भी मांगी थी, खैर जो भी हो लेकिन इतना तो तय है कि उनकी शख्सियत पर उम्र का पहरा नहीं और ना ही मिजाज में कोई ठहराव है, तभी तो वह आज भी अपने दिल की हर एक खता को यह कहकर माफ कर देते हैं कि दिल का मिजाज तो 'इश्कियां'।
पद्मभूषण और साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित गुलजार
गुलजार ने अभी तक 20 से अधिक फिल्मफेयर,कई राष्ट्रीय पुरस्कार और अंतर्राष्ट्रीय ग्रैमी अवार्ड अपने नाम किए हैं। साहित्य में बेहतरीन योगदान के चलते उन्हें पद्मभूषण और साहित्य अकादमी पुरस्कार से नवाजा जा चुका है, मां सरस्वती के इस महान उपासक को वनइंडिया परिवार भी जन्मदिन की बहुत सारी शुभकामनाएं देता है।
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