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Parkash Purab: जानिए क्या है गुरु गोबिंद सिंह का 'ककार' सिद्धांत?
Guru Gobind Singh Jayanti 2021: सिख धर्म के 10वें और अंतिम गुरु गोबिंद सिंह की आज जयंती है। शौर्य और साहस के प्रतीक गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्म पौष माह की शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को बिहार के पटना में हुआ था। गुरु गोबिंद सिंह ने जीवन जीने के 5 सिद्धांत दिए गए हैं, इन सिद्धांतों को 'ककार' के नाम से जाना जाता है, इन 'ककार' को सभी खालसा सिखों को धारण करना अनिवार्य माना गया है, इनमें केश, कड़ा, कृपाण, कंघा और कच्छा शामिल है, इनके बिना किसी भी खालसा का वेश पूरा नहीं माना जाता।

- केशः खालसा सिखों के लिए केश रखना अनिवार्य है क्योंकि ये आध्यात्म का प्रतीक है।
- कड़ा: गुरु गोविंद सिंह ने कहा था कि इसके जरिए हर खालसा मर्यादित और सीमा के रूप में रहेगा।
- कंघा: आध्यात्म के साथ इंसान को सांसरिक होना भी जरूरी है इसलिए केश का ध्यान रखने के लिए कंघे की जरूरत होती है।
- कच्छा: ये स्फूर्ति का प्रतीक है।
- कृपाण: प्रत्येक खालसा का उद्देश्य धर्म की रक्षा के लिए हुआ है। लेकिन धर्म की रक्षा करने वाले को आत्मरक्षा के लिए कृपाण की जरूरत होती है।
गुरु गोबिंद सिंह के अनमनोल विचार आपके जीवन की दशा और दिशा दोनों ही बदल सकते हैं., जानिए उनके अनमोल विचारों को
- जब आप अपने अन्दर बैठे अहंकार को मिटा देंगे तभी आपको वास्तविक शांति की प्राप्त होगी।
- मैं उन ही लोगों को पसंद करता हूं जो हमेशा सच्चाई के राह पर चलते हैं।
- भगवान् ने हम सभी को जन्म दिया है ताकि हम इस संसार में अच्छे कार्य करें और समाज में फैली बुराई को दूर करें।
- इंसान से प्रेम करना ही,ईश्वर की सच्ची आस्था और भक्ति है।
- अपने द्वारा किये गए अच्छे कर्मों से ही आप ईश्वर को प्राप्त कर सकते हैं और अच्छे कर्म करने वालों की ईश्वर सदैव सहायता करता है।
- जो भी कोई मुझे भगवान कहता हैं ,वो नर्क में चला जाए।
- जब इंसान के पास सभी तरीके विफल हो जाएं,तब ही हाथ में तलवार उठाना सही है।
- भगवान के नाम के अलावा कोई मित्र नहीं है, भगवान के विनम्र सेवक इसी का चिंतन करते और इसी को देखते हैं। अज्ञानी व्यक्ति पूरी तरह से अंधा है, वह मूल्यवान चीजों की कद्र नहीं करता है। ईश्वर स्वयं क्षमाकर्ता है।
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