क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

भारत के गणतंत्र दिवस पर पाकिस्‍तान और अमेरिका बन चुके हैं खास मेहमान

वर्ष 1950 में पाकिस्‍तान के गर्वनर जनरल ने देश के गणतंत्र दिवस समारोह में बतौर चीफ अतिथि की थी शिरकत। पांच बार फ्रांस और चार बार भूटान और वर्ष 2015 में अमेरिका पहली बार हुआ शामिल।

Google Oneindia News

नई दिल्‍ली। भारत इस वर्ष अपना 69वां गणतंत्र दिवस मनाएगा। इस मौके पर अबू धाबी के राजकुमार शेख मोहम्‍मद बिन जायद बतौर मुख्‍य अतिथि परेड का जायजा लेंगे। गणतंत्र दिवस में किसी भी मुख्‍य अतिथि का आना काफी अहम होता है। मुख्‍य अति‍थि कौन होगा इस पर महीनों माथापच्‍ची होती है। कई फैसलों के बाद भारत उस देश को चीफ गेस्‍ट के तौर पर चुनता है जिसके साथ भारत या तो अपनी दोस्‍ती को और मजबूत करना चाहता है या फिर उसके साथ दोस्‍ती शुरू करना चाहता है।

विदेश नीति का सुबूत मेहमान

शुरुआत में भारत ज्‍यादातर सोवियत संघ को अपने मेहमान के तौर पर चुनता था। समय बदलता गया और विदेश नीति में बदलाव की वजह से मेहमानों को चुनाव भी नए अंदाज से किया जाने लगा। अब तक गणतंत्र दिवस के मौके पर फ्रांस ने पांच और भूटान ने चार बार शिरकत की है। यूं तो हर वर्ष गणतंत्र दिवस अपने आप में काफी खास होता है लेकिन वर्ष 2015 में जब उस समय के अमेरिकी राष्‍ट्रपति बराक ओबामा बतौर चीफ गेस्‍ट भारत आए तो एक नया इतिहास बन गया। आइए गणतंत्र दिवस के मौके पर बताते हैं कि कब-कब कौन-कौन देश के राष्‍ट्राध्‍यक्षों ने इसमें शिरकत की। राजपथ से पहले गणतंत्र दिवस की परेड लाल किला मैदान, नेशनल स्‍टेडियम और रामलीला मैदान पर आयोजित होती थी।

कैसी थी 50 के दशक की परेड

कैसी थी 50 के दशक की परेड

देश की पहली गणतंत्र दिवस परेड पर इंडोनेशिया के राष्‍ट्रपति सुकर्णो आए थे। सुकर्णो, उस समय के प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु के काफी करीब थे। दोनों ने एशिया और अफ्रीकी देशों की आजादी की मुहिम की थी। इसके बाद अगले दो मौकों पर नेपाल के राजा त्रिभुवन बीर विक्रम सिंह और भूटान के राजा किंग जिग्‍मे दोरजी वांगचुक गणतंत्र दिवस समारोह पर चीफ गेस्‍ट थे। वर्ष 1955 में पाकिस्‍तान के गवर्नर जनरल मलिक गुलाम मोहम्‍मद ने गणतंत्र दिवस समारोह में शिरकत की थी। सन 1959 चीन के जनरल ये जियांगयिंग भारत आए।

फिर आए सोवियत संघ के मार्शल

फिर आए सोवियत संघ के मार्शल

वर्ष 1960 में सोवियत संघ के मार्शल क्‍लीमेंट येफ्रेमोविक वारोशिलोव गणतंत्र दिवस परेड के मेहमान बने थे। इसके बाद 1961 में ब्रिटेन की महारानी क्‍वीन एलिजाबेथ भारत आईं, फिर कंबोडियर के महाराज। बुल्‍गारिया और युगोस्‍लाविया के मेहमान भी गणतंत्र दिवस की परेड में आए। वहीं वर्ष 1965 में एक बार फिर पाकिस्‍तान ने इसमें मौजूदगी दर्ज कराई। भारत और पाक के युद्ध के तीन माह बाद पाकिस्‍तान के कृषि मंत्री राणा अब्‍दुल हमीद इस परेड में आए थे।

 70 में ऑस्‍ट्रेलिया से लेकर फ्रांस तक के मेहमान

70 में ऑस्‍ट्रेलिया से लेकर फ्रांस तक के मेहमान

वर्ष 1970 में भारत की विदेश नीति और बदला हुआ स्‍वरूप नजर आया। युगोस्‍लाविया और पोलैंड के नेताओं के अलावा तंजानिया के राष्‍ट्रपति जूलियस कामबारगे नेयरेरे, फ्रांस के प्रधानमंत्री जैक्‍स रेन शिराक, ऑस्‍ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मैल्‍कम फ्रेसर भारत आए तो श्रीलंका की पहली महिला प्रधानमंत्री श्रीमावो भंडारनाइके 70 के दशक में हुई गणतंत्र दिवस की परेड का हिस्‍सा बनीं थी।

फिर से भूटान बना मेहमान

फिर से भूटान बना मेहमान

फ्रांस, श्रीलंका और भूटान को फिर से इस दशक की परेड में चीफ गेस्‍ट के तौर पर शामिल होने का मौका मिला। इसके अलावा अफ्रीका और तीन लैटिन अमेरिकी देशों मैक्सिको, अर्जेंटीना और पेरू से भी मेहमान आए। वर्ष 1989 में विएतनाम कम्‍यूनिस्‍ट पार्टी के जनरल सेक्रेटरी नेग्‍यूएन वान लिन्‍ह मेहमान बने थे।

नेल्‍सन मंडेला बने थे मेहमान

नेल्‍सन मंडेला बने थे मेहमान

इस समय तक खास मेहमान को बुलाने के लिए भारत ने एक अलग लेकिन संतुलित रवैया अपनाया था। साउथ अफ्रीका के राष्‍ट्रपति नेल्‍सन मंडेला वष्र 1995 में गणतंत्र दिवस में खास मेहमान बने थे। इसके अलावा लैटिन अमेरिका, ब्राजील, यूनाइटेड किंगडम, मालद्वीव्‍स, मॉरीशस और नेपाल को इस दशक में गणतंत्र दिवस में शामिल होने का मौका मिला। वर्ष 1997 में त्रिनिदाद एंड टोबैगो के भारतीय मूल के प्रधानमंत्री बासदेव पांडेय गणतंत्र दिवस पर खास मेहमान बने थे।

ईरान के राष्‍ट्रपति पहुंचे भारत

ईरान के राष्‍ट्रपति पहुंचे भारत

इस दशक में भारत एक मजबूत देश के तौर पर अपनी पहचान बना पाने में कामयाब हो सका था और भारत की विदेश नीति भी बदल चुकी थी। भारत सरकार के लिए यह प्राथमिकता में बदल गई थी और भारत ने इसी दशक में ईरान को अपनी अहम रणनीतिक साझीदार बनाया। वर्ष 2003 में ईरान के राष्‍ट्रपति मोहम्‍मद खातामी को चीफ गेस्‍ट के तौर पर चुना गया था। सऊदी अरब के राजा अब्‍दुल्ला बिन अब्‍दुल्‍लाजीज अल-सौद वर्ष 2006 में खास मेहमान बने थे। वहीं वर्ष 2007 में रूस के राष्‍ट्रपति ब्‍लादीमिर पुतिन खास मेहमान बनकर भारत आए थे। वर्ष 2009 में भारत को यूरेनियम सप्‍लाई करने वाले कजाखिस्‍तान के राष्‍ट्रपति नूरसुल्‍तान नजरबायेव खास मेहमान बनकर भारत आए।

जब राष्‍ट्रपति बराक ओबामा आए भारत

जब राष्‍ट्रपति बराक ओबामा आए भारत

वर्ष 2010 में साउथ कोरिया, वर्ष 2011 में इंडोनेशिया और वर्ष 2012 में थाइलैंड के राष्‍ट्राध्‍यक्ष भारत आए थे। वहीं वर्ष 2013 में फिर से भूटान के राजा खास मेहमान बने तो वहीं जापान के राष्‍ट्रपति शिंजो एबे वर्ष 2014 में भारतीय गणतंत्र दिवस पर खास मेहमान बने। लेकिन वर्ष 2015 में अमेरिका के राष्‍ट्रपति बराक ओबामा भारत आए। यह पहला मौका था जब किसी अमेरिकी राष्‍ट्रपति ने भारत के गणतंत्र दिवस में बतौर चीफ गेस्‍ट शिरकत की थी। यह केंद्र की मोदी सरकार का भी पहला गणतंत्र दिवस था। वर्ष 2016 में फिर से फ्रांस के राष्‍ट्रपति फ्रैंकोइस होलांद भारत के गणतंत्र दिवस में आए और फ्रांस ने पांचवीं बार शिरकत की।

Comments
English summary
This year Abu Dhabi's crown prince Sheikh Mohammed bin Zayed is the chief guest at the Republic Day parade.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X