एसिड अटैक के बाद भी लोगों के लिए मिसाल बनीं प्रज्ञा
एसिड अटैक के बाद लोगों के लिए मिसाल बनीं प्रज्ञा, तमाम एसिड अटैक से पीड़िताओं के लिए चलाती हैं एनजीओ, करती हैं मदद
नई दिल्ली। महज 22 वर्ष की उम्र में शादी होने के बाद सिर्फ 12 दिन के भीतर प्रज्ञा सिंह पर एसिड से हमला हुआ, लेकिन एक दशक के बाद वह अब एसिड अटैक पीड़िता की बजाए उन्होंने इसके खिलाफ लड़ाई छेड़ दी है और समाजसुधार के तौर पर काम कर रही हैं। दरअसल जब प्रज्ञा ने एक सख्श के प्रस्ताव को ठुकरा दिया तो उनपर उसने तेजाब से हमला कर दिया, जिसके बाद उनका चेहरा बुरी तरह से झुलस गया।
एनजीओ
के
जरिए
बनीं
क्रूसेडर
तेजाब
से
हमले
के
बाद
अपना
हौसला
हारने
की
बजाए
प्रज्ञा
ने
इसके
खिलाफ
जंग
शुरू
करने
का
फैसला
लिया।
अब
वह
तमाम
लोगों
के
लिए
प्रेरणा
की
स्रोत
बन
चुकी
हैं।
प्रज्ञा
एसिड
अटैक
पीड़िता
के
लिए
काम
करती
हैं,
वह
उन्हें
राहत
और
फिर
से
जीवन
को
जीने
की
प्रेरणा
देती
हैं।
प्रज्ञा
ने
इसके
लिए
बकायदा
एक
एनजीओ
की
शुरुआत
की
जिसका
नाम
अतिजीवन
फाउंडेशन
है
जोकि
एसिड
अटैक
पीड़िताओं
के
लिए
काम
करती
है।
पीड़िताओं
को
बनाती
हैं
मजबूत
प्रज्ञा
इसके
लिए
बड़े
डॉक्टर्स
के
साथ
मिलकर
काम
करती
हैं,
इसके
लिए
वह
देशभर
के
बड़े
डॉक्टर
के
संपर्क
में
रहती
हैं,
जहां
से
वह
पीड़िताओं
के
लिए
सुझाव
एवं
परामर्थ
लेती
हैं।
वह
पीड़िताओं
की
व्यक्तिगत
रूप
से
भी
काउंसलिंग
भी
करती
हैं।
साथ
ही
इनके
लिए
जीवन
बसर
करने
के
लिए
कमाई
के
साधन
भी
मुहैया
कराती
हैं।
प्रज्ञा
का
साथ
उनके
पति
संजय
ने
हमेशा
दिया
और
वह
बुरे
वक्त
में
उनके
साथ
खड़
रहे,
वह
हमेशा
ही
उन्हें
संबल
देते
रहे
और
मजबूती
के
साथ
हर
मोड़
पर
उनका
साथ
दिया।
रिश्तेदार ने ही फेंका तेजाब
जब अप्रैल 2016 को प्रज्ञा दिल्ली से वाराणसी से ट्रेन में जा रही थीं, वह एक नौकरी के सिलसिले में जा रही थीं, तभी उनके एक दूर के रिश्तेदार जिससे प्रज्ञा ने शादी से इनकार कर दिया था, वह उनका पीछा करने लगा। इस व्यक्ति ने उनपर एसिड से हमला कर दिया। आरोपी को बाद में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था और उसे चार साल की सजा हो गई थी। लेकिन इस हादसे के बाद आज भी प्रज्ञा के चेहरे पर एसिड अटैक के चलते निशान हैं।