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रेमडेसिविर न मिले तो घबराएं नहीं, इसके बिना भी कोविड इलाज संभव, क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

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नई दिल्ली, अप्रैल 15। देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के खौफ के बीच जिस एक चीज की सबसे ज्यादा मांग है वह रेमडेसिविर दवा है। कोरोना वायरस के चलते गंभीर स्थिति में पहुंचे मरीजों को दी जाने वाली इस दवा की इतनी डिमांड है कि पिछले कुछ दिनों में यह बाजार से गायब हो गई और ब्लैक में मिलने लगी। जरूरतमंद इसके लिए कई गुना ज्यादा कीमत दे रहे थे। इसे लेकर कई राज्यों में सरकारें सक्रिय हुईं और इस दवा को इकठ्ठा किया जाना शुरू किया गया। लेकिन आप ये जानकर हैरान रह जाएंगे कि जिस रेमडेसिविर के दवा के लिए हर ओर मारा-मारी चल रही है वह कोविड-19 के खिलाफ इकलौती दवा नहीं है।

रेमडेसिविर इकलौती दवा नहीं

रेमडेसिविर इकलौती दवा नहीं

रेमडेसिविर ऑक्सीजन थेरेपी, विटामिन सप्लीमेंट, स्टेरॉयड और रक्त को पतला करने वाले गुणों का एक मिश्रण है जो कोरोना के रोगियों को ठीक करने में मदद कर रही है। लेकिन यह इकलौती दवा नहीं है। दरअसल महाराष्ट्र में कोविड स्थिति पर नजर रख रही टास्क फोर्स ने 12 अप्रैल को एक बैठक में यह स्पष्ट किया है कि रेमडेसिविर का उपयोग किए बिना भी मरीजों को बचाया जा सकता है।

महाराष्ट्र की स्टेट टास्क फोर्स के प्रमुख डॉक्टर संजय ओक ने 13 अप्रैल को जारी अपनी लिखित सलाह में कहा "दवा (रेमडेसिविर) को बड़े पैमाने पर लिखा जा रहा है। इससे लोगों में ये धारणा बनी है कि यह एंटी वायरल जिंदगी बचाएगी।

विशेषज्ञों का कहना है मरीजों और उनके परिजनों को डॉक्टरों पर रेमडेसिविर देने के लिए दबाव नहीं बनाना चाहिए। विशेषज्ञों के मुताबिक जब ऑक्सीजन थेरेपी, विटामिन, स्टेरॉयड और ब्लड थिनर को जब मेडिकल एक्सपर्ट की निगरानी में उचित तरीके से दिया जाता है तो यह बेहतरीन रिकवरी देती है। इसलिए लोगों को रेमडेसिविर की कमी पर घबराना नहीं चाहिए।

रेमडेसिविर अकेले काम नहीं करती

रेमडेसिविर अकेले काम नहीं करती

संक्रामक रोग विशेषज्ञ बताते हैं कि रेमडेसविर सावधानीपूर्वक चयनित रोगियों में केवल बीमारी की अवधि को कम करता है। इसके बारे में यह धारणा बन गई है कि यह जीवन रक्षक है जिसके चलते जब यह मरीज को नहीं मिलती है तो वह हताश और परेशान हो जाते हैं। दुर्भाग्य से कई लोगों को अनावश्यक रूप से इस दवा पर रखा जा रहा है।

यहां एक बात और समझने की है कि रेमडेसिविर अकेले काम नहीं करती है। इसका असर तब होता है जब इसे ऑक्सीजन थेरेपी, स्टेरॉयड और ब्लड थिनर के साथ इसे दिया जाता है। रेमडेसिविर वायरल के असर को कम करता है वहीं दूसरी दवाएं वायरस के चलते होने वाली सूजन को कम करती हैं।

रेमडेसिविर का अंधाधुंध उपयोग रोकने की जरूरत

रेमडेसिविर का अंधाधुंध उपयोग रोकने की जरूरत

वायरस से संक्रमण के प्रारंभिक चरण में रेमेडिसविर निश्चित रूप से असरदार है। इसी तरह गंभीर रोगियों के लिए टोसीलिज़ुमाब भी वायरस के असर को कम करने में मदद करता है। हालांकि विशेषज्ञ इन दवाओं के अंधाधुंध उपयोग को पूरी तरह से हतोत्साहित किए जाने की सलाह देते हैं।

टाइम्स की खबर के मुताबिक रूबी हाल क्लिनिक के डॉक्टर जिरपे का कहना है कि कोविड के चलते कुछ रोगियों के रक्त में शुगर का लेवल बढ़ सकता है क्योंकि वायरस पैनक्रियाटिक बीटा-सेल को बदलता है। इसके अलावा उपचार में प्रयोग किए जाने वाले स्टेरॉयड भी ब्लड में ग्लूकोज को बढ़ाने में सहायक हो सकते हैं। इसलिए रोगियों के लिए पर्याप्त हाइड्रेशन के साथ इंसुलिन उपचार की निगरानी जरूरी हो जाती है।

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English summary
for covid remdesivir not only medicine can treat without it
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