वर्ल्ड वॉर II- जिस युद्ध में हुईं 60 मिलियन मौतें
बैंगलोर। एक सितंबर 1939 को जर्मनी की बढ़ती ताकत का जवाब देने के लिए ब्रिटेन और यूरोप ने युद्ध छेड़ दिया। शुरुआत में जिस युद्ध की छोटे स्तर पर हुई थी देखते-देखते आधी दुनिया उसका हिस्सा बन गई। 30 देशों के 100 मिलियन लोग इस युद्ध का हिस्सा बने।
इस युद्ध को आज तक सबसे विनाशकारी युद्ध माना जाता है। हर तरह के हथियारों का प्रयोग हुआ तो वहीं दुनिया ने पहली बार परमाणु हमले का अनुभव कर लिया।
कुछ खास बातें
इस युद्ध में 11 मिलियन लोग मारे गए थे तो वहीं कई देशों का वर्चस्व भी खत्म हो गया था। 2 सितंबर 1945 को खत्म होते-होते इस युद्ध के विनाशकारी निशान हर इंसान के दिल में बस गए थे। जानिए इस युद्ध से जुड़े कुछ ऐसे ही सच जिनके बारे में जानकर आप शायद युद्ध शब्द से ही नफरत करने लगेंगे।
- रूस ने अपने सबसे ज्यादा नागरिकों को खोया। करीब 21 मिलियन रूसी नागरिक इस युद्ध में मारे गए थे।
- इस युद्ध के दौरान करीब 1.5 मिलियन बच्चों की मौत हुई थी।
- जिन सोवियत पुरुषों का जन्म वर्ष 1923 में हुआ था उनमें से 80 प्रतिशत ने अपनी जान गंवा दी थी।
- 1939 से 1945 के बीच करीब 3.4 मिलियन बम गिराए गए थे यानी प्रतिमाह औसतन 27,700 बम।
- रूस और लाल सेना पर जर्मनी की 13 से 70 वर्ष तक की दो मिलियन से भी ज्यादा महिलाओं के रेप का आरोप लगा।
- 1942 से 1943 के बीच स्टालिनग्रैड के युद्ध में 800,000 से 1,600,000 से ज्यादा लोगों की मौत।
- इस युद्ध के दौरान ही भारतीय धार्मिक प्रतीक चिन्ह स्वास्तिक का प्रयोग नाजी सेना ने किया।
- युद्ध के दौरान नाजियों ने करीब 12 मिलियन लोगों की हत्या की।
- करीब छह मिलियन ज्यूइस नागरिकों की हत्या होलोकॉस्ट के दौरान हुई।
- युद्ध के दौरान करीब 20 मिलियन सैनिक और 40 मिलियन नागरिकों की मौत।
आगे की स्लाइड्स पर क्लिक करिए और देखिए इस युद्ध की 10 तस्वीरें।
जर्मनी से डरकर भागते लोग
रूस के शहर लेनिनग्रैड पर जर्मनी की ओर से बम गिराने के बाद लोगों को अपने घरों को छोड़कर जाना पड़ गया।
केन्या के सैनिक
इस युद्ध में केन्या के सैनिकों ने ब्रिटेन का बड़े पैमाने पर साथ दिया था।
अमेरिका भी रहा शामिल
अमेरिकी सेना के लेफ्टिनेंट कर्नल डूलिटिल हॉर्नेट सीवी-8 में उड़ान भरते हुए। इस एयरक्राफ्ट का प्रयोग जापान पर बम गिराने के लिए हुआ था।
अमेरिका और चीन का रोल
यह फोटोग्राफ उस समय का है जब चीन के सैनिक डूलिटिल के साथियों को सुरक्षित जगह पर ले जा रहे थे।
अपने क्रू के साथ डूलिटिल
जापान पर बम गिराने के बाद लेफ्टिनेंट जनरल से डूलिटिल को मेजर जनरल बना दिया गया था। यह फोटोग्राफ में चीन में क्लिक की गई थी।
नॉर्वे का सीन
अप्रैल 1945 में बम के हमलों के बाद नॉर्वे की हालत कुछ ऐसी थी।
बर्लिन की बॉम्बिंग
यह फोटोग्राफ सन 1942 के आसपास का है जब अमेरिकी सेना ने बर्लिन पर बम बरसाए थे।
अमेरिका की कॉम्बेट टीम
अमेरिका की यह कॉम्बेट टीम यानी 442 रेजीमेंटल टीम जिसे जापान और अमेरिका के सहयोग से तैयार किया गया।
जर्मनी के वॉर क्रिमिनल्स
यह फोटो है जर्मनी के कैदियों की जिन्हें उस समय शहर की गलियों से मार्च कराते हुए ले जाया गया था।
पर्ल हाबर पर हमला
सात दिसंबर 1941 को अमेरिका के पर्ल हार्बर पर जापान के फाइटर जेट्स ने हमला बोल दिया। इस हमले के साथ ही अमेरिका की इस युद्ध में जापान के खिलाफ एंट्री हुई थी।