Happy Fathers Day: हर लड़की की तमन्ना होती है कि उसका हमसफर उसके पापा जैसा हो
जिंदगी की सच्चाई के धरातल पर जब बच्चा चलना शुरू करता है तो उसके कदम कहां पड़े और कहां नहीं.. ये समझाने का काम पिता ही करते हैं।
बेंगलुरू। कहते हैं मां के चरणों में स्वर्ग होता है, मां बिना जीवन अधूरा है लेकिन अगर मां जीवन की सच्चाई है तो पिता जीवन का आधार, मां बिना जीवन अधूरा है तो पिता बिना अस्तित्व अधूरा।
श्रवण कुमार के मन में भी आया था माता-पिता को छोड़ने का विचार
जीवन तो मां से मिल जाता है लेकिन जीवन के थपेड़ो से निपटना तो पिताजी ही सिखाते हैं, जिंदगी की सच्चाई के धरातल पर जब बच्चा चलना शुरू करता है तो उसके कदम कहां पड़े और कहां नहीं.. ये समझाने का काम पिता ही करते हैं।
किसी बच्चे को असुरक्षा नहीं होती
समाज की बंदिशो से अपने बच्चे को निकालने का काम एक पिता ही कर सकता है। पिता अगर पास है तो किसी बच्चे को असुरक्षा नहीं होती है। पिता एक वट वृक्ष है जिसके पास खड़े होकर बड़ी से बड़ी परेशानी छोटी हो जाती है। वक्त आने पर वो दोस्त बन जाते है तभी तो हर लड़की अपने जीवन साथी में अपने पिता का अक्स खोजती है। हर लड़की की नजर में उसके रीयल हीरो उसके पापा ही होते हैं इसलिए तो उसकी ख्वाहिश होती है कि उसका ड्रीम पार्टनर उसके पापा जैसा ही हो।
नापाक इरादे उसे छू नहीं सकते
जिस तरह उसके पिता उसके पास जब होते हैं तो उसे भरोसा होता है कि कोई भी नापाक इरादे उसे छू नहीं सकते हैं। उसे अपनी सुरक्षा और ना टूटने वाले भरोसे पर गर्व होता है इसलिए वो जब भी अपने साथी के बारे में सोचती है तो उसकी कल्पनाओं में उसके पिता जैसी ही कोई छवि विद्दमान होती है।
हर बेटे की ख्वाहिश...
जबकि हर बेटे की ख्वाहिश होती है कि वो ऐसा कुछ करे जिससे उसके पिता का सीना चौड़ा हो जाये। उनकी मुस्कुराहट और आंखो की चमक सिर्फ और सिर्फ अपने पिता के लिए होती है। उसकी पहली कामयाबी तब तक अधूरी होती है जब तक उसके पिता आकर उसकी पीठ नहीं थपथपाते हैं।
भावनाओं का आदान-प्रदान नहीं करते
अक्सर बाप-बेटे एक -दूसरे से भावनाओं का आदान-प्रदान नहीं करते हैं लेकिन सबको पता है कि दोनों ही के दिल में प्रेम का अनुपम समंदर विद्दमान होता है। कभी उस पिता की आंखो में झांकने की कोशिश कीजिये जब उसका बेटा उसके सामने अपनी पहली कमाई लेकर आता है। इसलिए तो कहते है कि पिता का कर्ज आप तब ही चुका सकते है जब आप अपने जैसे ही किसी नन्हे प्राणि को धरती पर लाते हैं।
इसलिए तो कवि गिरिराज जोशी ने कहा है..
पापा!
मुझे
लगता
था,
'मां'
ने
मुझे
आपार
स्नेह
दिया,
आपने
कुछ
भी
नहीं,
आप
मुझसे
प्यार
नहीं
करते
थे।
मगर
पापा!
आज
जब
जीवन
की,
हर
छोटी-बड़ी
बाधाओं
को,
आपके
'वे
लम्बे-लम्बे
भाषण'
हल
कर
देते
है,
मैं
प्यार
की
गहराई
जान
जाता
हूँ....
तो चलिए देर किस बात की है ..जाइये अपने पिता के पास और पैर छूकर अपने आप को धन्य कीजिये और जीवन की सच्चाई से रूबरू कराने के लिए उन्हें तहे दिल से धन्यवाद दीजिये। हैप्पी फादर्स डे....