फादर्स डे- पिता के लिए बेटे का इमोशनल खत !
प्रिय पापा,
आज आपकी यादों में सर रखकर सहज महसूस करता हूं। तमाम शिकवे होते हैं कभी-कभी। पर सच कहूं उन्हें बताने के लिए कोई विश्वसनीय चेहरा नहीं मिलता। रोता हूं, और आंसुओं के सहारे आपकी तस्वीर के सामने सारे दर्द को मन ही मन बयां कर देता हूं। जिंदगी का मतलब समझने की कोशिश कर रहा हूं।
Father's Day: चंदा ने पूछा तारों से..सबसे प्यारा कौन है.. पापा मेरे पापा.
कुछ बेहतर कर गुजरना। अपने से पहले दूसरों के लिए। क्योंकि आप कुछ ऐसे ही थे। रिश्तों को हर वक्त समेटना चाहता हूं। इस बात को जानता हूं न कि जिंदगी में आखिरी वाला फुल स्टॉप लगने के बाद कौन किसका। महज यादें रह जाती हैं। पर पापा मैं यादों में गहराई से घर कर जाना चाहता हूं। किसी को नाराज नहीं करना चाहता। फिर भी नाराजगी है।
हर वक्त साथ की जरूरत..
पापा मुझे आज भी वो किस्सा याद है जब महज चार साल का था, और तेज फीवर आ गया था। दरअसल इस किस्से का जिक्र अक्सर मम्मी किया करती हैं इसलिए शायद। आप उस दिन ऑफिस नहीं गए और दिन भर मुझे अपने पेट में लिटाए रहे। लेकिन आपके एक्सीडेंट जिसमें आप हमें छोड़कर चले गए उसके बाद वास्तव में एक अलग दौर शुरू हुआ।
समाज को परखना एक बड़ा चैलेंज
हर बात को जानना मजबूरी हो गई। समाज को परखना एक बड़ा चैलेंज हो गया। उलझकर रह गया। जिम्मेदारियों ने इस हद तक दबा दिया कि हर कोई बहाना तलाशने लगा कि किस तरह से डिमोरलाईज किया जाए।
अलग कतार में खड़ा सा महसूस करता
सबसे कठिन दौर तो तब होता जब कोई आपका नाम पूछता। अश्कों को गहराई में छिपाकर स्वर्गीय लगाता आ रहा हूं। हर एग्जाम में दोस्तों के साथ उनके पापा को देखकर जितना अच्छा फील करता, उतना ही खुद के साथ आपके न होने पर मजबूर सा, अलग कतार में खड़ा सा महसूस करता।
पापा आप हर वक्त मेरे साथ, मेरे पास
मम्मी से ज्यादा आप करीब थे मेरे लिए तो। नहीं जानता किसलिए। शायद मेरी जरूरतों से पहले आप मुझे समझते थे। कमी खलती है। रिश्ते खो गए हैं आज, पर पापा आप हर वक्त मेरे साथ, मेरे पास हैं। काश कोई लौटा दे वो पल।
लव यू पापा !
आपका
बेटा
हिमांशु
तिवारी
आत्मीय