Father's Day ( 19 June): चंदा ने पूछा तारों से..सबसे प्यारा कौन है.. पापा मेरे पापा.
आँचल प्रवीण
पापा मेरे पापा
आपसे किस तरह शुक्रिया अदा करूँ, मां ने जरुर मुझे जन्म दिया है पर आज मैं जो भी हूँ वो आपके खून पसीने की मेहनत है, बेशक मेरी बातें किसी फिल्म की चीज़ी लाइन्स लग रही होंगी लेकिन ये बात अक्षरशर सत्य है की बेशक ईश्वर के बाद मां से बड़ा कोई नहीं पर अगर पिता न हो तो मां भी जीवन का सृजन कैसे करे।
Single Dad: पापा तुम मेरी मां भी हो और मान भी
अपने बच्चे को अपनी जान देकर पालना; घनी दोपहरी ; तेज़ बारिश या कड़कड़ाती सर्दी में भी दौड़ धूप करके उसकी एक आवाज़ पर आसमान ज़मीन एक कर देना, ये सब एक पिता ही कर सकता है। बीते दिनों ऐसे कई लोगों से मेरी मुलाक़ात हुई जो एक बेहतरीन सीख में बदल गयी की केवल मेरे पापा ही नहीं दुनिया के सभी पापा अपने बच्चो के लिए जान देते हैं।
रिक्शेवाला पापा
अभी कुछ रोज़ पहले ही मुझे रात में किसी काम से जाना पड़ा और गाड़ी गड़बड़ होने के कारण में पैदल घर से निकली ये सोच कर की आगे रिक्शा करुँगी। बहुत दूर तक कोई ऑटो या रिक्शा खाली नहीं था,फिर अँधेरे में धीरे धीरे एक ई-रिक्शा वाला आया, मैंने उसे रोका और बोला की मुझे फलां जगह जाना है। वो बोला मैडम चलता हूँ पर ज़रा ये बर्फ बच्चों को दे दूं वे इंतजार करते होंगे ; गर्मी बहुत है, फिर पास में ही अपने घर पर जल्दी से बर्फ देकर मुझे मेरे गन्तव्य पर जाने को तैयार हो गया और फिर रास्ते भर अपने बच्चों की अठखेलियाँ सुनाता गया।
जूस वाले पापा
ऐसा पहली बार नहीं हुआ की मुझे कोई इतना मेहनती आदमी मिला हो, कुछ रोज़ पहले मैं कोचिंग जाती थी। वहां से लौटते समय जूस के ठेले पर मौसम्बी का जूस पीने की आदत थी और आदतन सबसे बतियाना मेरा पसंदीदा शगल है। उन जूस वाले अंकल ने एक रोज मुझसे कहा बिटिया तुम्हारी जैसी ही मेरी एक बेटी है जो फलां कॉलेज से इंजीनियरिंग क्र रही है और एक बेटा है जो फलां कालेज से बीएससी क्र रहा है।
बच्चों को आगे बढ़ाने के लिए मेहनत करता है
मैंने पूछा की आप और कुछ भी करते हो तो बोले बस गर्मी में जूस का ठेला लगाता हूँ और जाड़ों में मूंगफली, बाकी कुछ लोन लिया है,बड़ा गर्व हुआ सुनकर की कैसे जेठ की चटख धूप में वो बच्चों को आगे बढ़ाने के लिए मेहनत करता है।
पापा तो सागर हैं जिनकी गहराई मापी नहीं जा सकती..
ये तो बस एक आध मामले हैं, मेरे पास ऐसी कई कहानियाँ है जो खत्म होने का नाम नहीं लेती, एक पिता का अपने बच्चों के लिए संघर्ष किन्ही शब्दों में बांधा नही जा सकता है| यह एक अनंत समुद्र है जिसके वेग को बाँध पाना बेहद मुश्किल काम है।
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