भीषण गर्मी से बढ़ जाता है 'दिल के दौरे' का खतरा, जानिए क्या होता है 'लू' लगना
नई दिल्ली। इस वक्त पूरा उत्तर भारत 'लू' की चपेट में हैं, चुभती गर्मी ने लोगों को झुलसा कर रखा हुआ है तो वहीं डॉक्टरों के मुताबिक इस भीषण गर्मी में दिल के दौरे का खतरा काफी बढ़ जाता है। इसलिए इस वक्त दिल के रोगी और ब्लड प्रेशर वाले रोगियों को अपना खास ध्यान रखने की आवश्यकता होती है।
दिल के रोगी रहें सावधान
डॉक्टरों के मुताबिक आम तौर पर इंसान के शरीर का नार्मल तापमान 37 डिग्री सेल्सियस रहता है, बाहर के तापमान बढ़ने पर इंसान को पसीना होने लगता है, ऐसा रक्त वाहिकाओं के डाइलेट होने की वजह से होता है जिसके कारण शरीर के नार्मल तापमान पर प्रभाव नहीं पड़ता है और बाहर गर्मी होने के बाद भी शरीर सुचारू रूप से काम करता है लेकिन जब ऐसा नहीं हो पाता और रक्त वाहिका के आकार के बड़े हो जाने के कारण दिल की धड़कन तेज और ब्लड प्रेशर कम हो जाता है तब दिल के रोगियों के लिए दिक्कत पैदा हो सकती है क्योंकि इस वक्त वाहिनियों में रक्त ब्लॉक भी हो सकता है, जिसकी वजह से दिल का दौरा पड़ता है।
क्या होता है 'लू' लगना
37° डिग्री सेल्सियस तापमान पर ही हमारे शरीर के सभी अंग सही तरीके से काम करते है, पसीने के रूप में पानी बाहर निकालकर शरीर 37° सेल्सियस टेम्प्रेचर मेंटेन रखता है, पानी शरीर में इसके अलावा भी बहुत कार्य करता है लेकिन जब बाहर का टेम्प्रेचर 45° डिग्री के पार हो जाता है और शरीर की कूलिंग व्यवस्था ठप्प हो जाती है, रक्त गरम होने लगता है और रक्त में उपस्थित प्रोटीन में उबाल होता है, जो कि हानिकारक होता है इससे सांस लेने में दिक्कत होती है और जब ये स्थिति और तेज हो जाती है तो इंसान का शरीर जवाब दे देता है और उसकी मौत हो जाती है।
इसलिए रहिए सावधान
डॉक्टरों के मुताबिक हम प्राकृतिक चीजों को तो बदल नहीं सकते हैं लेकिन कुछ सावधानियों के जरिए हम उनसे खुद को बचा सकते हैं। अगर गर्मी में आपको अचानक सिर दर्द, थकावट, उल्टी या कमजोरी महसूस हो तो इन लक्षणों को बिल्कुल भी इग्नोर ना कीजिए बल्कि डॉक्टर से संपर्क करें।
ऐसे करें खुद का बचाव
- गर्मी में ज्यादा भारी व बासी भोजन न करें।
- गर्मी में जब भी घर से निकले कुछ खाकर और पानी पीकर ही निकलें, खाली पेट ना निकलें।
- पानी के का सेवन 4 से 5 लीटर रोजाना करें।
- बाजारू ठंडी चीजें नहीं बल्कि घर की बनी ठंडी चीजों का सेवन करना चाहिए।
- आम का पना, खस, चंदन, गुलाब, फालसा, संतरा का सरबत ,सत्तू, दही की लस्सी, मट्ठा ,गुलकंद का सेवन करना चाहिए।
- हरि और ताजी सब्जियों का सेवन करना चाहिए।
- सफेद प्याज का सेवन तथा बाहर निकलते समय प्याज रखना चाहिए।
- सूती कपड़ों को पहनकर बाहर निकलें। सिर हमेशा कपड़े से बांधकर निकलें।
- आंखों को धूप से बचाने के लिए चश्मा पहनकर बाहर निकलें। बाहर की चीजों को खाने से परहेज करें।
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