देश के इन दो PM को नहीं मिला लालकिले पर तिरंगा फहराने का सौभाग्य...
नई दिल्ली। 15 अगस्त को पीएम नरेंद्र मोदी लाल किले पर 6वीं बार और अपने दूसरे कार्यकाल में पहली बार झंडा फहराएंगे, लाल किले पर सबसे ज्यादा तिरंगा फहराने का रिकार्ड देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू का है, जिन्होंने 17 बार लालकिले के प्राचीर पर तिरंगा फहाराया है।
इंदिरा गांधी ने लाल किले पर 16 बार फहराया तिरंगा
उनके बाद नंबर आता है कि देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का, जिन्होंने कुल 16 बार लाल किले पर तिरंगा फहराया और इसके बाद नंबर आता है देश की पूरे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का, जिन्हें लगातार 10 बार लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने का सौभाग्य प्राप्त हुआ, सबसे खास बात ये है कि पंडित नेहरू, इंदिरा गांधी और मनमोहन सिंह , ये तीनों ही कांग्रेसी नेता रहे हैं।
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अटल बिहारी वाजपेयी
जबकि गैर कांग्रेसी नेता के रूप में पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी ने लाल किले पर 6 बार राष्ट्रीय ध्वज को फहराया है, वाजपेयी के बाद नंबर आता है राजीव गांधी और नरसिम्हा राव का। इन दोनों प्रधानमंत्रियों को 5-5 बार लाल पर तिरंगा फहराने का अवसर मिला, लेकिन इस देश के दो ऐसे नेता भी हैं, जो प्रधानमंत्री तो बने, लेकिन लाल किले से तिरंगा फहराने का सौभाग्य इन्हें प्राप्त नहीं हुआ। इनके नाम हैं- गुलजारी लाल नंदा और चंद्रशेखर।
गुलजारी लाल नंदा दो बार देश के पीएम बने
गुलजारी लाल नंदा दो बार देश के पीएम बने लेकिन दोनों बार उनको ये पद कार्यवाहक के रूप में हासिल हुआ था, नंदा दो बार 13-13 दिन के लिए देश के प्रधानमंत्री पद बैठे। पहली बार 27 मई 1964 से 9 जून 1964 तक और दूसरी बार 11 जनवरी 1966 से 24 जनवरी 1966 तक प्रधानमंत्री रहे। पहली बार जब नंदा को प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठने का मौका मिला था, तब पंडित जवाहर लाल नेहरू का निधन हुआ था और दूसरी बार लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु के बाद कार्यवाहक प्रधानमंत्री बनाए गए थे।
चंद्रशेखर को तिरंगा झंडा फहराने का सौभाग्य प्राप्त नहीं हुआ
नंदा के बाद नंबर आता है पीएम चंद्रशेखर का, वो 10 नवंबर 1990 से 21 जून 1991 तक भारत के पीएम रहे और वह भी अपने कार्यकाल में तिरंगा झंडा फहराने का सौभाग्य प्राप्त नहीं कर सके, हालांकि मोरारजी देसाई, चौधरी चरण सिंह, वीपी सिंह, एचडी देवेगौड़ा, इंद्र कुमार गुजराल, लाल बहादुर शास्त्री ज्यादा समय तक देश के प्रधानमंत्री पद पर नहीं रहे, लेकिन इन सभी को 1-1 बार और मोरारजी देसाई को दो बार लाल किले पर तिरंगा फहराने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था।
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