केजरी पिचकारी जो तूने मुझे मारी तो सीधी साधी शीला...
केजरीवाल -"उम्मीद है कि अब कवि सम्मलेन सत्ता की ऊंचाइयों तक पहुंचेगा। अब मैं ऐसी कवियत्री को बुलाना चाहता हूँ जिसने आपको सालों एक ही रस की कविता सुना सुना कर बोर किया। अंततः आपने उसको खारिज किया। मेरा आशय शीला ‘देहलवी'से है वह आयें और कोइ नयी कविता सुनाएं"-
शीला देहलवी-
‘आपको साहित्य की तमीज नहीं है विकट जी। मैंने लगातार दस सालों तक कविता सुनायी और आपने तो कविता न लिख पाने के चलते इस्तीफ़ा दे दिया।'
‘मैं अपनी रचना विकट जी को समर्पित करना चाहूंगी'..
‘केजरी
पिचकारी
जो
तूने
मुझे
मारी
तो
सीधी
साधी
शीला
भी
दागी
हो
गयी।
रजाई
ओढ़
कर
के
जो
तूने
दिया
धरना
तो
लट्टू
तुम
पे
जनता
ये
सारी
हो
गयी।।'
केजरीवाल "-शीला जी यह आपकी मौलिक कविता नहीं है आपने कॉपी की है। मैं आपके खिलाफ ऍफ़ आई आर दर्ज कराऊंगा।"
शीला देहलवी -"मैंने तो एक कविता कॉपी की है आपने तो पूरी की पूरी किताब टीप डाली है।मैं आपके खिलाफ कॉपीराइट उल्लंघन एक्ट लगाउंगी।'
(कवि सम्मलेन में नारेबाजी शुरू को गयी..जनता ने हंगामा मचा दिया.हंगामा थमने पर कवि सम्मलेन फिर से आरम्भ हुआ )
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