क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

Single Dad: पापा तुम मेरी मां भी हो और मान भी

Google Oneindia News

आँचल प्रवीण

स्वतंत्र पत्रकार
आंचल पत्रकारिता एवं जनसंचार में पोस्ट ग्रेजुएट हैं, आंचल को ब्लोगिंग के अलावा फोटोग्राफी का शौक है, वे नियमित रूप से राष्ट्रीय और अंतरष्ट्रीय मुद्दों पर लिखती रहती हैं।

लखनऊ। एकल अभिभावक होना अपनेआप में एक बड़ी चुनौती है और ये चुनौती और बड़ी साबित हो सकती है अगर अभिभावक एक पुरुष है तो.. यानी की पापा लोगों के लिए सिंगल पैरेंटहुड थोड़ा मंहगा साबित हो सकता है।

Father's Day Special: हर लड़की का सपना उसका ड्रीम ब्वॉय उसके पापा जैसा होFather's Day Special: हर लड़की का सपना उसका ड्रीम ब्वॉय उसके पापा जैसा हो

मसलन एक महिला के लिए घर और बाहर की ज़िम्मेदारी निभा पाना कुछ हद तक आसान होता है क्योंकि उसको अमूमन यह सब करने की आदत होती है। हमारे समाज में अब अगर मोटे तौर पर देखा जाए तो महिलाओं की आधी से अधिक आबादी घर और बाहर दोनों के काम कर पाती है, वहीँ दूसरी ओर पुरुषों को हमेशा से ही केवल बाहरी कामों के लिए दक्ष बनाने की कवायद चलती है।

सिंगल फादर होना कठिन काम

अब ऐसे में ईश्वर न करे महिला की मृत्यु हो जाए या किन्ही कारणोंवश उसे पुरुष से अलग रहना हो और बच्चों की ज़िम्मेदारी पुरुष पर हो तो यह काफी चुनौतीपूर्ण साबित होता है।

बच्चों को संभालना काफी मुश्किल

हालाँकि सिंगल फादर होना और बच्चे को पलना एक मुश्किल काम है लेकिन भारतीय मर्द इसमें पीछे नहीं है, बच्चों की छोटी से छोटी ज़रूरतों को पूरा करने से लेकर घर की एक एक चीज़ का ख्याल रखना; यह मर्द इनमे कहीं से कम नहीं लेकिन अगर बात बच्चा गोद लेने की हो तो मामला कुछ मुश्किल हो जाता है, भारत में गोद लेने की प्रक्रिया सिंगल पेरेंट्स के लिए कुछ जटिल है और सिंगल फादर के लिए तो बहुत मुश्किल।

बेटी को गोद लेना आसान नहीं

सिंगल फादर केवल एक मेल बच्चे यानि की लडके को गोद ले सकता है, इस बात का विवरण भारतीय हिन्दू एडॉप्शन एंड मेंटेनेंस एक्ट 1956 के तहत दिया गया है, वह किसी लड़की को गोद नहीं ले सकता, टीवी एक्टर राजीव खंडेलवाल ने एकबार लड़की गोद लेने की याचिका दायर की थी लेकिन उसे इस बात पर ख़ारिज कर दिया गया की वह अबतक सिंगल हैं। हालाँकि अभिनेता राहुल बोस ने अंडमान निकोबार की एक चैरिटी से 6 बच्चों को गोद लिया लेकिन वे सभी लडके हैं।

कई याचिकाएं लंबित

आंकड़े बताते हैं की देश की कई अदालतों में एकल अभिभावक और विशेषकर सिंगल फादर के बच्चों को गोद लेने की कई याचिकाएं लंबित पड़ी हैं, शायद ही आने वाले समय में इनपर कोई सुनवाई हो।

बच्चे को माँ और बाप दोनों का प्यार देना थोडा मुश्किल

इस विषय पर कोंसेलेर विभिन्न तर्क देते हैं, उनका मानना है की सिंगल फादर होना अधिक मुश्किल इसलिए है क्योंकि पिता अक्सर गुस्सैल स्वाभाव के होते हैं और कई बार अधीर भी, उन्हें कम मालूम होता है की बच्चों को कब डांटना है और कब प्यार करना है, उनके लिए बच्चे को माँ और बाप दोनों का प्यार देना थोडा अधिक मुश्किल होता है।

पिता के लिए आसान नहीं बच्चे पालना

इसके विपरीत कुछ ऐसे पिता भी है जो बच्चों को मां के न होते हुए बखूबी पाल रहे है और वे इन बातों को एक सिरे से नकार देते हैं।

सिंगल पैरेंट होने के अनुपात में इजाफा

हाल ही में आदमियों के सिंगल पैरेंट होने के अनुपात में इजाफा आया है, इससे एक बात तो तय है की पुरुषों के अंदर महिलाओं के काम करने में अब कोई शर्म नहीं रही, यह एक सकारत्मक सोच है जो इस बात की ओर इशारा करती है की मर्द अब जानते हैं की हर काम हर कोई कर सकता है, काम जेंडर बायस्ड नहीं,वह महिला और पुरुष दोनों के लिए एक समान है।

Must Click: आंचल श्रीवास्तव के लेख वनइंडिया पर

Comments
English summary
Today, single fathers are noticed very little even though they are big – about 25 to 35 percent of all fathers are non-custodial, or single, dads, and a tiny percentage are sole-custody parents.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X