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Green crackers: क्या हैं ग्रीन पटाखे और सुप्रीम कोर्ट ने क्यों किया इनका जिक्र?

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Diwali पर अब फूटेंगे Green Crackers, जानें क्या है इसकी खासियत | वनइंडिया हिंदी

नई दिल्ली। दिवाली पर पटाखों की बिक्री को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि दिवाली पर पटाखे जलाने पर रोक नहीं है लेकिन बढ़ते प्रदूषण की वजह से सुप्रीम कोर्ट ने पटाखे जलाने का टाइम जरूर निर्धारित कर दिया है। अब दिवाली पर केवल रात 8 से 10 बजे के बीच सिर्फ 2 घंटे के लिए ही पटाखे जलाए जा सकेंगे। लेकिन इस आदेश के साथ ही कोर्ट ने 'ग्रीन पटाखों' का जिक्र किया था। कोर्ट ने कहा था कि त्योहारों पर प्रदूषण कम करने वाले ग्रीन पटाखे ही बेचे और जलाए जाने चाहिए। जिसके बाद सबके दिमाग में ये घूम रहा है कि आखिर ग्रीन पटाखें हैं क्या, तो चलिए जानते हैं विस्तार से इस बारे में ...

भारतीय संस्था राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (नीरी)

भारतीय संस्था राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (नीरी)

दरअसल ग्रीन पटाखों की खोज भारतीय संस्था राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान (नीरी) ने ही की है , जो प्रदूषण नियंत्रण करने में अहम रोल निभा सकता है। इन पटाखों की खासियत ये है कि ये धूल को सोख सकते हैं, साथ ही इन पटाखों से होने वाला उत्सर्जन लेवल भी बेहद कम है, जिससे इनकी आवाज भी कान फोड़ूं नहीं है, ये आंखों को सकून देते हैं क्योंकि इनसे निकलने वाला धुआं हानिकारक नहीं है और ये जलने पर 50 फीसदी तक कम प्रदूषण करते हैं।

वॉटर मॉलेक्यूल्स यानी पानी के अणु

वॉटर मॉलेक्यूल्स यानी पानी के अणु

इनकी खास बात ये भी है कि इनमें वॉटर मॉलेक्यूल्स यानी पानी के अणु उत्पन्न हो सकते हैं जिससे धूल और खतरनाक तत्वों को कम करने में मदद मिलेगी।

ये पटाखे तीन तरह के हैं-

  • सेफ वॉटर रिलीजर (SWAS)
  • सेफ मिनिमल एल्यूमिनियम (SAFAL)
  • सेफ थर्माइट क्रैकर (STAR)
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    ग्रीन पटाखों से पलूशन 35% कम

    ग्रीन पटाखों से पलूशन 35% कम

    CSIR का दावा है कि ग्रीन पटाखों के जरिए खतरनाक नाइट्रस ऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड के साथ ही छोटे-छोटे कणों के उत्सर्जन में भी 30 से 35 प्रतिशत की कमी लायी जा सकेगी।

    पेट्रोलियम ऐंड एक्सप्लोसिव्स सेफ्टी ऑर्गनाइजेशन


    CSIR द्वारा विकसित किए गए पटाखों के इन फॉर्म्युलों को पेट्रोलियम ऐंड एक्सप्लोसिव्स सेफ्टी ऑर्गनाइजेशन PESO के पास भेजा जा चुका है और इन्हें एक बार PESO इसे अप्रूव कर दे उसके बाद इन पटाखों का निर्माण तेजी से किया जा सकेगा ताकि दिवाली के मौके पर पटाखों की डिमांड को पूरा किया जा सके।

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English summary
Green crackers, the less-polluting, less noisy crackers allowed by the Supreme Court this Diwali has finally been developed by scientists.
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