Delhi-NCR Pollution: क्या होता है एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI), जो इस वक्त है राजधानी में बेहद खराब
नई दिल्ली। आज राजधानी दिल्ली की आवोहवा में घुटन हो रही है, आज पूरा शहर पर कोहरे नहीं बल्कि प्रदूषण की धुंध की चपेट में है, आज सुबह से खबरों में बताया जा रहा है कि दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स 924 पहुंच चुका है, जो कि बेहत खतरनाक है, ऐसे में लोगों को अपने स्वास्थ्य का विशेष ख्याल रखने की जरूरत है, ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर Air Quality Index (AQI) यानी कि राष्ट्रीय वायु गुणवत्ता सूचकांक होता क्या है।
तो चलिए विस्तार से जानते हैं इसके बारे में...
एयर क्वालिटी इंडेक्स
दरअसल हर देश में वायु की गुणवत्ता की माप के लिए एयर क्वालिटी इंडेक्स बनाये गए हैं, जो कि हमें ये बताते हैं कि जिस हवा में हम जीवन जी रहे हैं, उसमें कितनी शुद्धता है, उसमें नाइट्रोजन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड की कितनी मात्रा है।
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इस इंडेक्स में 6 केटेगरी बनायीं गई हैं
हवा की क्ववालिटी के आधार पर इस इंडेक्स में 6 केटेगरी बनायीं गई हैं, जैसे अच्छी, संतोषजनक, थोड़ा प्रदूषित, खराब, बहुत खराब और गंभीर, जैसे जैसे हवा की गुणवत्ता ख़राब होती जाती है वैसे ही रैंकिंग अच्छी से ख़राब और फिर गंभीर की श्रेणी में आती जाती है।
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8 प्रदूषकों से मिलाकर बनता है एयर क्वालिटी इंडेक्स मुख्य रूप से
एयर क्वालिटी इंडेक्स मुख्य रूप से 8 प्रदूषकों ((PM10, PM2.5, NO2, SO2, CO, O3, NH3, and Pb)) से मिलाकर बनाया जाता है, गौरतलब है कि वायु प्रदूषण का मतलब है हवा में सल्फर डाइऑक्साइड (SO2), नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO2), और कार्बन मोनोऑक्साइड (CO)की मात्रा से होता है।
PM2.5 और PM10 क्या है और ये स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करते हैं?
PM को पर्टिकुलेट मैटर या कण प्रदूषण भी कहा जाता है, जो कि वातावरण में मौजूद ठोस कणों और तरल बूंदों का मिश्रण है, हवा में मौजूद कण इतने छोटे होते हैं कि आप नग्न आंखों से भी नहीं देख सकते हैं, पर्टिकुलेट मैटर में PM 2.5 और PM 10 बहुत खतरनाक होते हैं।
PM 2.5 और PM 10 कणों संख्या दिल्ली में ज्यादा
दिल्ली जैसे शहरों में वायु प्रदूषण की समस्या को भयंकर बनाने में मुख्य भूमिका वायु में मौजूद PM 2.5 और PM 10 कणों की होती है, ये गैस के रूप में कार्य करते हैं, जब आप सांस लेते हैं तो ये कण आपके फेफड़ों में चले जाते हैं औ शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं, PM2.5 का स्तर ज्यादा होने पर धुंध बढ़ती है और साफ दिखना भी कम हो जाता है और चारों ओर कोहरे जैसा वातावरण हो जाता है, जैसा कि आज दिल्ली के साथ हो रहा है।
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