क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

Deen Dayal Upadhyaya's birth anniversary: कौन थे भाजपा के प्रेरणा पुरुष दीनदयाल उपाध्याय?

Google Oneindia News

नई दिल्ली। 'एकात्म मानववाद' का संदेश देने वाले राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के विचारक दीनदयाल उपाध्याय का जन्म 25 सितंबर 1916 को यूपी के मथुरा जिले में हुआ था। इनके पिता का नाम भगवती प्रसाद उपाध्याय था। माता रामप्यारी धार्मिक प्रवृत्ति की थीं। वे भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष भी रहे थे, उन्होंने भारत की सनातन विचारधारा को युगानुकूल रूप में प्रस्तुत करते हुए देश को एकात्म मानववाद जैसी प्रगतिशील विचारधारा दी थी।

पंडित दीनदयाल निष्ठा और ईमानदारी के लिए जाने जाते थे

पंडित दीनदयाल निष्ठा और ईमानदारी के लिए जाने जाते थे

पंडित दीनदयाल अपनी निष्ठा और ईमानदारी के लिए जाने जाते थे, इनका मानना था कि हिंदू कोई धर्म या संप्रदाय नहीं बल्कि भारत की संस्कृति है, वे अखंड भारत के समर्थक रहे, उन्होंने सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को परिभाषित किया और समाज के सर्वांगीण विकास और उत्थान के लिए काफी काम किया।

भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष

ये भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष भी रहे थे, इनकी छवि एक सरल, सौम्य लेकिन सच कहने वाले व्यक्ति के रूप में थी। राजनीति के अतिरिक्त साहित्य में भी उनकी गहरी अभिरुचि थी। उन्होंने हिंदी और अंग्रेजी में कई नाटकों को लेखनी प्रदान की और चंद्रगुप्त नाटक को लेखनी प्रदान की।

यह भी पढ़ें: भारी बारिश ने उड़ाई हिमाचल की रंगत, देखें 12 जिलों में तबाही की तस्वीरें यह भी पढ़ें: भारी बारिश ने उड़ाई हिमाचल की रंगत, देखें 12 जिलों में तबाही की तस्वीरें

शिक्षा

शिक्षा

दीनदयाल ने पिलानी, आगरा और प्रयाग में शिक्षा प्राप्त की। मैट्रिक और इण्टरमीडिएट-दोनों ही परीक्षाओं में गोल्ड मैडल जीतने वाले दीनदयाल बीएससी, बीटी करने के बाद भी नौकरी नहीं की। प्रगतिशील विचारधारा के मालिक दिन दयाल छात्र जीवन से ही वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सक्रिय कार्यकर्ता हो गये थे। कालेज छोड़ने के तुरन्त बाद वे उक्त संस्था के प्रचारक बन गये और एकनिष्ठ भाव से संघ का संगठन कार्य करने लगे। सन 1951 ई० में अखिल भारतीय जनसंघ का निर्माण होने पर वे उसके संगठन मंत्री बनाये गये।

दीन दयाल उपाध्याय का दृष्टिकोण रचानात्मक भी था

दीन दयाल उपाध्याय का दृष्टिकोण रचानात्मक भी था

सन् 1953 ई० में दीन दयाल अखिल भारतीय जनसंघ के महामंत्री निर्वाचित हुए और लगभग 15 वर्ष तक इस पद पर रहकर उन्होंने अपने दल की अमूल्य सेवा की। राष्ट्रधर्म, पाञ्चजन्य और स्वदेश जैसी पत्र-पत्रिकाएं प्रारम्भ की। उनकी कौशलता से ही खुशहोकर 1953 में डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने कहा था कि यदि मेरे पास और दो दीन दयाल हों तो मै भारत का राजनीतिक रूप बदल दूंगा।

भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष निर्वाचित हुए

पंडित दीन दयाल उपाध्याय का दृष्टिकोण सिर्फ विरोध का नहीं बल्कि रचानात्मक भी था। इसलिए ही वो कालीकट अधिवेशन (दिसम्बर 1967) में वे अखिल भारतीय जनसंघ के अध्यक्ष निर्वाचित हुए। लेकिन 1968 में आरएसएस-बीजेपी के विचारक दीनदयाल उपाध्याय का शव मुगलसराय स्टेशन पर संदिग्ध हालत में पाया गया था, ऐसी आशंका है कि इनकी हत्या हुई थी।

यह भी पढ़ें: भारी बारिश ने उत्तर भारत में मचाई तबाही, 11 की मौत, हिमाचल में 45 लोग गायब, रेड अलर्ट जारीयह भी पढ़ें: भारी बारिश ने उत्तर भारत में मचाई तबाही, 11 की मौत, हिमाचल में 45 लोग गायब, रेड अलर्ट जारी

Comments
English summary
Pandit Deendayal Upadhyay (25 September 1916 – 11 February 1968) was an Indian politician . He was one of the most important leaders of the Bharatiya Jana Sangh, the forerunner of the present day Bharatiya Janata Party.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X