Sanjay-Maneka Love Story: संजय हिंदू, मेनका सिख और शादी हुई मुस्लिम के घर पर, पढ़ें ये खूबसूरत लव स्टोरी
नई दिल्ली, 23 जून। देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के छोटे बेटे संजय गांधी की 23 जून 1980 को एक दर्दनाक विमान हादसे में अकस्मात मौत हो गई थी। ऐसा कहा जाता है कि संजय गांधी विमान को कार की तरह चलाया करते थे, संजय गांधी की छवि बेबाक और तेज तर्रार नेता की थी, पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के विकल्प के तौर पर देखे जाने वाले संजय गांधी के बारे में विनोद मेहता ने अपनी किताब 'द संजय स्टोरी' में काफी खुलकर लिखा है।
संजय गांधी ने अपने से दस साल छोटी मेनका गांधी से शादी की थी..
इस किताब में राजनीति के अलावा संजय की निजी जिंदगी के बारे में भी जिक्र है, जिसमें सबसे चौंकाने वाली बात उनकी शादी की है, जिसके बारे में तब पूरा देश सुनना चाहता था लेकिन संजय गांधी की मां इंदिरा गांधी इस शादी को सादगी से करना चाहती थीं, मालूम हो कि संजय गांधी ने अपने से दस साल छोटी मेनका आनंद से शादी की थी, जिनसे उन्हें पहली नजर में ही प्रेम हो गया था, तब देश की इस हाई प्रोफाइल शादी के बारे में लोग बहुत कुछ जानना चाहते थे लेकिन उस वक्त मीडिया में इस बारे में ज्यादा कुछ दिखाया या बताया नहीं गया था।
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विनोद मेहता की किताब में शादी का जिक्र
लेकिन विनोद मेहता ने संजय गांधी की शादी के बारे में अपनी किताब में खुलकर लिखा है, किताब में जिक्र है कि मेनका गांधी, दिवंगत कर्नल आनंद की बेटी थीं और वो साल 1973 में पहली बार संजय गांधी से एक फैमिली फंक्शन में मिली थी, वो भी अपनी कजिन वीनू कपूर के जरिए, उस वक्त वो लेडी श्रीराम कॉलेज में जर्मन भाषा की छात्रा थीं और मिस लेडी चुनी गई थीं, उन्होंने उस वक्त डेल्ही क्लास मिल्स यानि डीसीएम के लिए एक टॉवेल का बोल्ड विज्ञापन किया था, जिसकी वजह से वो रातों-रात चर्चा में आ गई थीं लेकिन संजय गांधी से शादी तय होने के बाद उन्होंने मॉडलिंग छोड़ दी और उनके बोल्ड विज्ञापन की तस्वीरें और जानकारी हर जगह से हटा दी गई।
संजय हिंदू, मेनका सिख और शादी हुई मुस्लिम के घर पर
विनोद मेहता ने आगे लिखा कि परिवार की सहमति से 29 सितंबर 1974 को संजय और मेनका शादी के बंधन में बंध गए, ये शादी गांधी परिवार के मित्र मोहम्मद यूनुस के घर से हुई थी, जिसमें काफी चुनिंदा लोग शामिल हुए थे, 'इलैस्ट्रेटेड वीकली' मैगजीन ने इस शादी के बारे में छापा था कि ये शादी कई मायनों में खास है क्योंकि अनेकता और समानता दोनों का उदाहरण था, क्योंकि मेनका गांधी सिख हैं, संजय गांधी की मां एक हिंदू और पिता पारसी थे, जबकि शादी हुई थी एक मुस्लिम के घर से, जिसके बाद इस शादी को 'सेकुलर आइडिया' के लिहाज से एकदम परफेक्ट माना गया था।
संजय और मेनका परफेक्ट कपल कहे जाते थे..
संजय और मेनका परफेक्ट कपल कहे जाते थे, मेनका बतौर पत्नी अपने पति के साथ हमेशा साये की तरह रहा करती थीं, संजय हंसते थे तो मेनका हंसती थीं, संजय रोते थे तो मेनका रोती थीं लेकिन दोनों के प्यार की ये दुनिया ज्यादा लंबी नहीं रह पाई और 23 जून 1980 को एक दर्दनाक विमान हादसे में संजय गांधी की अकस्मात मौत हो गई, मेनका गांधी उस समय मात्र तीन महीने के वरूण गांधी की मां थीं।
अपनी पहचान अलग बनाई
हालांकि संजय की मौत के बाद मेनका लंबे वक्त तक इंदिरा गांधी के साथ नहीं रहीं और परिवार से अलग हो गईं लेकिन उन्होंने हालात के आगे घुटने नहीं टेके बल्कि संघर्ष करके राजनीति में अपनी एक खास जगह बनाई, उन्होंने भाजपा ज्वाइन की और वो 16वीं लोकसभा में मंत्री भी बनीं।