#CongressFoundationDay: 132 साल की हुई कांग्रेस, गुलामी, आजादी, हत्या और नफरत सब-कुछ देखा इसने
नई दिल्ली। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की स्थापना को आज 132 साल हो गए हैं, देश की सबसे बड़ी पुरानी कही जाने वाली पार्टी ने भारत को अब तक 7 पीएम दिए हैं, हाल ही में इसकी कमान राहुल गांधी के हाथ में आई है। देश पर सबसे लंबा राज करने वाली ये पार्टी आज भारतीय सत्ता के हाशिए पर है। राहुल गांधी की ओर बड़ी उम्मीदों से निहारते कांग्रेस कार्यकर्ताओं को लगता है कि वो ही इन्हें संकट से उबारेंगे, अब उनकी कसौटी पर उनके युवराज खरे उतरते हैं कि नहीं, ये तो आने वाला वक्त बताएगा लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि इस पार्टी ने देश की गुलामी से लेकर सत्ता तक एक लंबा सफर तय किया है।
चलिए जानते हैं इस पार्टी से जुड़ी कुछ खास बातें...
28 दिसंबर 1885
कांग्रेस की स्थापना ब्रिटिश राज में 28 दिसंबर 1885 में हुई थी, इसके संस्थापकों में ए ओ ह्यूम (थियिसोफिकल सोसाइटी के प्रमुख सदस्य), दादा भाई नौरोजी और दिनशा वाचा शामिल थे।
भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम
कांग्रेस भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम में, अपने 1.5 करोड़ से अधिक सदस्यों और 7 करोड़ से अधिक प्रतिभागियों के साथ, ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के विरोध में एक केन्द्रीय भागीदार बनी।
16 लोकसभा चुनावों में से 6 बार स्पष्ट बहुमत
1947 में आजादी के बाद, कांग्रेस भारत की प्रमुख राजनीतिक पार्टी बन गई। आजादी से 2016 के बीच हुए 16 लोकसभा चुनावों में से 6 बार उसे स्पष्ट बहुमत मिला और 4 बार उसने गठबंधन में सरकार बनाई।
49 साल
1947 के बाद 49 साल तक देश की बागडोर कांग्रेस के हाथों में रही और उसने देश को 7 प्रधानमंत्री दिए।
सबसे अच्छा प्रदर्शन 1984 में
सबसे अच्छा प्रदर्शन 1984 में रहा जब पार्टी को 415 लोकसभा सीटें मिलीं थीं। ये वो दौर था जब इंदिरा गांधी की हत्या कर दी गई थी और भारत संकट में था, तब उनकी जगह उनके बेटे राजीव गांधी को सत्ता की बागडोर मिली थी।
सबसे ख़राब प्रदर्शन
2014 के आम चुनाव में, कांग्रेस ने आज़ादी से अब तक का सबसे ख़राब आम चुनावी प्रदर्शन किया और 543 सदस्यीय लोक सभा में केवल 44 सीट जीतीं। जिसके पीछे कारण कांग्रेस से जनता की नाराजगी बताई गई।
पार्टी को लेकर गुस्सा
खुद राहुल गांधी ने कहा था कि कांग्रेस की हार इसलिए हो रही है क्योंकि लोगों के अंदर पार्टी को लेकर गुस्सा है।
गांधी-नेहरू परिवार के 6ठें सदस्य
यहां गौर करने वाली बात ये है कि राहुल, गांधी-नेहरू परिवार के 6ठें सदस्य हैं, जिनके हाथों में कांग्रेस की कमान है।