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Children's Day: बच्चों को देश का भविष्य मानते थे चाचा नेहरू, इसलिए जन्मदिन कर दिया उन्हें समर्पित, 10 खास बातें

14 नवंबर को देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्मदिन होता है जिसे बाल दिवन के रूप में मनाया जाता है। नेहरू का बच्चों से खास लगाव था। उनका मानना था कि बच्चे ही भविष्य हैं और आने वाले समय में देश इन्हीं के हाथों में होगा। इसलिए उनका जन्मदिन बच्चों को समर्पित है।

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Children's Day 2017: Facts about India's 1st Prime Minister Pandit Jawaharlal Nehru । वनइंडिया हिंदी

नई दिल्ली। 14 नवंबर को देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्मदिन होता है जिसे बाल दिवन के रूप में मनाया जाता है। नेहरू का बच्चों से खास लगाव था। उनका मानना था कि बच्चे ही भविष्य हैं और आने वाले समय में देश इन्हीं के हाथों में होगा। इसलिए उनका जन्मदिन बच्चों को समर्पित है और 14 नवंबर के दिन पूरे देश में बाल दिवस धूमधाम से मनाया जाता है। इस खास मौके पर जानिए नेहरू से जुड़ी 10 खास बातें-

Children's Day

बच्चों में सबसे बड़े थे नेहरू

बच्चों में सबसे बड़े थे नेहरू

जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवंबर, 1889 को इलाहाबाद में हुआ था। उनके पिता मोतीलाल नेहरू बैरिस्टर थे और मां स्वरूप रानी गृहणी थीं। उनका परिवार कश्मीरी पंडित था। चार भाई बहनों में नेहरू सबसे बड़े थे।

इंग्लैंड से पूरी की पढ़ाई

इंग्लैंड से पूरी की पढ़ाई

नेहरू की शुरुआती शिक्षा घर में ही हुई है। उन्हें घर में ही अंग्रेजी, हिंदी और संस्कृत पढ़ाई जाती थी। इसके बाद वो आगे की पढ़ाई के लिए हैरो और फिर ट्रिनिटि कॉलेज, लंदन चले गए। कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से उन्होंने लॉ में डिग्री ली और देश में आकर वकालत शुरू की।

गांधी की सोच से प्रभावित थे नेहरू

गांधी की सोच से प्रभावित थे नेहरू

1916 में उन्होंने कमला कौल से शादी की। शादी के अगले ही साल उनके घर में इंदिरा प्रियादर्शनी ने जन्म लिया जो आने वाले सालों में देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं। एक वकील के तौर पर नेहरू का कार्यकाल काफी छोटा रहा। वो अंग्रेजों के खिलाफ महात्मा गांधी की सोच से काफी प्रभावित थे।

आजादी के बाद किया नए भारत का निर्माण

आजादी के बाद किया नए भारत का निर्माण

ये वो दौर था जब अंग्रेजों के खिलाफ नेहरू पूरी तरह से मैदान में उतर चुके थे। कई बार हिरासत में लिए जाने के बाद 1929 में उन्हें पहली बार बंदी बनाया गया। इसी दौरान उन्होंने अपने माता-पिता और पत्नी को भी खो दिया था। नेहरू ने अपनी समझ और पढ़ाई से देश में क्रांति का अलग माहौल खड़ा कर दिया। आजादी के बाद जब वो देश के प्रधानमंत्री बनें तो उन्होंने अपनी रणनीतियों से आने वाले भारत का भविष्य बनाया। उन्हें जनता का प्रधानमंत्री कहा जाता था।

बच्चों को भविष्य मानते थे नेहरू

बच्चों को भविष्य मानते थे नेहरू

नेहरू ने आजादी में युवाओं के लिए रोजगार सुनिश्चित कराने के लिए भी कई अहम फैसले लिए। उनके नेतृत्व में ही भिलाई, राउरकेला और बोकारो में देश का सबसे बड़ा स्टील का प्लांट लगाया गया। शिक्षा के क्षेत्र के सबसे प्रमुख संस्थान आईआईटी, आईआईएम और आईआईएससी भी नेहरू ने ही देश में खुलवाए।

नेहरू ने लिखी हैं कई किताबें

नेहरू ने लिखी हैं कई किताबें

नेहरू सिर्फ एक अच्छे नेता और वक्ता नहीं थे, वो एक अच्छे लेखक भी थे। उन्होंने अंग्रेजी में 'द डिस्कवरी ऑफ इंडिया', 'ग्लिमप्स ऑफ वर्ल्ड हिस्टरी' और बायोग्रफी 'टुवर्ड फ्रीडम' कई किताबें लिखी हैं। बेटी इंदिरा को बचपन में लिखी गई उनकी चिट्ठियां बाद में किताब लेटर्स फ्राम फादर टू हिज डॉटर के रूप में बाद में पब्लिश भी हुए। वो हमेशा बच्चों के शिक्षा के समर्थन में रहे।

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English summary
Children's Day 2017: Some facts about India's first Prime Minister Pandit Jawaharlal Nehru birthday on 14th November.
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