Bday Special: जब रूठे मनमोहन को मनाने उनके घर पहुंचे थे अटल बिहारी, जानिए कुछ अनकही बातें
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को उनके 87वें जन्मदिन के मौके पर बधाई दी है। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट करके मनमोहन सिंह को जन्मदिन की बधाई देते हुए उनकी स्वस्थ्य जीवन और लंबी उम्र की कामना की है, गौरतलब है कि डॉ. मनमोहन सिंह यूपीए की सरकार के दौरान 2004 से 2014 तक देश के प्रधानमंत्री रहे हैं।
जब मनमोहन सिंह हो गए थे अटल बिहारी से गुस्सा
प्रसिद्ध अर्थशास्त्री मनमोहन सिंह को राजनीति में लाने का श्रेय भले पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव को जाता है, लेकिन उन्हें राजनीति की पेचीदगियों से वाकिफ करने में अटल बिहारी वाजपेयी का भी योगदान माना जाता है, वैसे को बेहद ही शांत स्वभाव और कम बोलने वाले मनमोहन सिंह ने एक बार संसद में काफी कुछ बोला था, जिसके बाद वो देश के पूर्व अटल बिहारी वाजपेयी की निशाने पर आ गए थे, जिससे आहत होकर मनमोहन सिंह ने इस्तीफा देने की पेशकश की थी।
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अटल बिहारी की आलोचना से आहत हो गए थे मनमोहन सिंह
दरअसल ये बात साल 1991 की है, तब केंद्र में पीवी नरसिम्हा राव की सरकार थी, इस सरकार में डॉक्टर मनमोहन सिंह वित्तमंत्री थे, मनमोहन सिंह देश में आर्थिक उदारीकरण से जुड़े फैसल ले रहे थे, इसी को ध्यान में रखकर मनमोहन सिंह ने संसद में बजट पेश किया था, उस वक्त अटल बिहारी वाजपेयी नेता प्रतिपक्ष थे. मनमोहन सिंह ने अपना बजट भाषण संपन्न किया तो नेता प्रतिपक्ष होने के नाते अटल बिहारी वाजपेयी ने अपना भाषण दिया।
लेकिन अटल बिहारी ने मना लिया था दोस्त मनमोहन सिंह को
इस भाषण में वाजपेयी ने मनमोहन सिंह की ओर से पेश किए गए बजट की जमकर आलोचना की थी, बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक वाजपेयी की आलोचना से मनमोहन सिंह आहत हो गए थे, आलम यह था कि उन्होंने तत्कालीन पीएम नरसिम्हा राव को इस्तीफा देने तक के बारे में सोच रहे थे, नरसिम्हा राव को यह बात पता चली तो उन्होंने वाजपेयी को फोन कर पूरी कहानी बताई, जिसके बाद खुद अटल बिहारी अपने रूठे दोस्त मनमोहन सिंह को मनाने पहुंचे थे।
करीबी दोस्त थे अटल और मनमोहन
अटल बिहारी ने मनमोहन सिंह से मुलाकात की और उन्हें समझाया कि उनकी आलोचना राजनीतिक है, संसद में उन्होंने राजनीतिक भाषण दिया था, उन्होंने कोई निजी अटैक नहीं किया, जिसके बाद मनमोहन सिंह ने वित्त मंत्री पद छोड़ने का फैसला वापस ले लिया था, इस मुलाकात का असर यह हुआ कि मनमोहन सिंह और अटल बिहारी वाजपेयी दोस्त बन गए, अटल बिहारी वाजपेयी जब बीमारी से ग्रसित रहे तो उनसे नियमित मिलने वालों में मनमोहन सिंह भी शामिल थे।
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