सैनिक बनकर देश की सेवा करना चाहते थे मोदी लेकिन आर्मी स्कूल में नहीं मिला था दाखिला....
नई दिल्ली। आज देश के पीएम नरेन्द्र मोदी का जन्मदिन है। देश की सत्ता पर राज करने वाले पीएम मोदी की हर बात निराली हैं। मोदी के बारे में सबको पता है कि वो संन्यासी बनकर हिमालय चले गए थे लेकिन आप में से बहुत कम लोग जानते होंगे कि मोदी बचपन में सैनिक बनना चाहते थे और इस वजह से वो चाहते थे कि उनका दाखिला आर्मी स्कूल में हो जाए, जिसके लिए उन्होंने काफी प्रयास भी किया लेकिन बात पैसे पर आकर रूक गई क्योंकि मोदी के पिता के पास उस वक्त फीस भरने के उतने पैसे नहीं थे, जितनी स्कूल वाले चाहते थे और इसी वजह से मोदी का सैनिक बनने का सपना अधूरा रह गया।
स्वामी विवेकानंद का काफी असर मोदी पर
हालांकि वक्त बीता और मोदी के सपने बड़े हुए, किस्मत ने उनके लिए कुछ और ही लिखा था, उनका आध्यात्म की ओर रूझान बढ़ गया, वो स्वामी विवेकानंद को पढ़ने लगे और इसका नतीजा ये ही हुआ कि आज पीएम मोदी के व्यक्तित्व में स्वामी विवेकानंद के बताए सिद्धांतों का असर दिखता है।
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मोदी खुद बहुत अच्छे वक्ता और कवि हैं...
मोदी को बचपन से ही साहित्य में भी दिलचस्पी रही है और इसी वजह से उनका लेखन और कविताओं की ओर भी ध्यान रहा है। मोदी खुद एक बहुत अच्छे वक्ता और कवि हैं, उन्होंने गुजराती और हिंदी में काफी कविताएं लिखी हैं। एक पल ऐसा भी आया था इनके जीवन में, जब इनकी इच्छा अभिनय और लेखन क्षेत्र में भाग्य आजमाने की थी लेकिन ऐसा भी हालात की वजह से संभव नहीं हो पाया।
RSS ने बदल दी जिंदगी
इसके बाद इन्होंने आरएसएस ज्वाइन किया, जहां से इनकी सोच पूरी तरह से बदल गई और ये पूरी तरह से देश और देश की राजनीति के बारे में सोचने लग गए, जिसका नतीजा ये हुआ कि आज मोदी पीएम होने के साथ-साथ देश के लोकप्रिय नेता भी हैं।
पीएम मोदी ने रचा इतिहास
पंडित जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने साल 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद देश के लोकतांत्रिक इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ा, पंडित जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी के बाद मोदी पूर्ण बहुमत के साथ लगातार दूसरी बार सत्ता के शिखर पर पहुंचने वाले तीसरे प्रधानमंत्री बने, इससे पहले वो गुजरात के चार बार सीएम भी रहे हैं, जो कि अपने आप में एक बड़ा रिकार्ड है।
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