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अटल बिहारी वाजपेयी का शरीर तिरंगे में क्यों लपेटा गया, क्या होता है राजकीय सम्मान?

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नई दिल्ली। भारत के पू्र्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी का अंतिम संस्कार आज पूरे राजकीय सम्मान के साथ दिल्ली के स्मृति स्थल पर पर होगा। गौरतलब है कि राजनीति के अजातशत्रु कहे जाने वाले भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में गुरुवार को निधन हो गया, वह बीते 11 जून से एम्स में भर्ती थे। अटल बिहारी की तरह देश की कई मशहूर हस्तियों को राजकीय सम्मान के साथ विदाई दी गई है।

ऐसे में अब सवाल ये उठता है कि आखिर राजकीय सम्मान होता क्या है, चलिए इसे जानते हैं विस्तार से....

किसे मिलता है राजकीय सम्मान

किसे मिलता है राजकीय सम्मान

भारत में वर्तमान और पूर्व राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, केंद्र के मंत्री और मुख्यमंत्रियों को राजकीय सम्मान दिया जाता है। इसके अलावा अगर केंद्र और राज्य सरकारें चाहें तो वह देश के किसी भी सम्मानित व्यक्ति को यह सम्मान दिला सकती हैं। राजनीति, साहित्य, विज्ञान, कानून और कला क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाली हस्तियों को यह सम्मान दिया जा सकता है। भारत रत्न, पद्म विभूषण और पद्म भूषण प्राप्त शख्स भी इसके हक़दार हो सकते हैं।

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क्या है प्रक्रिया

क्या है प्रक्रिया

इस सम्मान के लिए केंद्र या राज्य सरकार को इसकी सिफारिश करनी होती है। निर्णय लेने के बाद राज्य के डीजीपी को इससे अवगत कराया जाता है, ताकि अंतिम संस्कार के समय राजकीय सम्मान की तैयारी की जा सके। राजकीय सम्मान से होने वाले अंतिम संस्कार के सारे इंतजाम राज्य सरकार करती है।

 शव को राष्ट्रीय ध्वज से सम्मान पूर्वक ढका जाता है

शव को राष्ट्रीय ध्वज से सम्मान पूर्वक ढका जाता है

शव को अंत्येष्टि स्थल तक ले जाने और अंतिम संस्कार का सारा खर्चा सरकार उठाती है। शव को राष्ट्रीय ध्वज से सम्मान पूर्वक ढका जाता है और ठीक अंत्येष्टि के पूर्व सम्मान पूर्वक आर्म्ड गार्ड की सलामी और लास्ट पोस्ट की धुन के बाद सम्मान पूर्वक शव से हटा लिया जाता है।

खास बातें

खास बातें

  • देश मे सबसे पहली बार राजकीय सम्मान से अंतिम संस्कार की घोषणा महात्मा गांधी के लिये की गयी थी।
  • राजकीय सम्मान का प्रोटोकॉल और दिशा निर्देश 1950 में बना।
  • तब यह सम्मान केवल प्रधानमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्रीगण, केन्द्रीय मंत्रिमंडल के वर्तमान और भूतपूर्व सदस्यगण के लिये ही था।

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English summary
Bharat Ratna Atal Bihari Vajpayee's state funeral at Smriti Sthal. A state funeral is a public funeral ceremony, observing the strict rules of protocol, held to honour people of national significance.
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