Atal Bihari Vajpayee dead: जानिए क्या होता है राष्ट्रीय शोक?
नई दिल्ली। भारत के पू्र्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी का अंतिम संस्कार आज पूरे राजकीय सम्मान के साथ दिल्ली के स्मृति स्थल पर पर होगा। गौरतलब है कि भारतीय राजनीति के अजातशत्रु कहे जाने वाले भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता और पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में गुरुवार को निधन हो गया, वह बीते 11 जून से एम्स में भर्ती थे। उनके निधन पर भारत सरकार ने सात दिन का राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है।
अब सवाल उठता है कि आखिर राष्ट्रीय शोक क्या होता है और इसके क्या नियम है आइए जानते हैं...
क्या है राष्ट्रीय शोक
जब किसी नेता, गणमान्य शख्स का निधन हो जाता है जिन्होंने देश के लिए अहम योगदान दिया हो तब राष्ट्रीय शोक की घोषणा की जाती है। राष्ट्रीय शोक उस महान शख्सियत के मृत्यु पर संवेदना, दुख प्रकट करने का एक तरीका है। ये कितने दिन तक रहेगा, इस फैसला भी सरकार करती है, राष्ट्रीय शोक एक दिन से लेकर सात दिनों तक हो जाता है।
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राष्ट्रीय शोक के नियम
- राष्ट्रीय शोक के दौरान देशभर में उन सभी इमारतों पर राष्ट्रीय ध्वज को आधा झुका दिया जाता है जहां इसे फहराया जाता है।
- राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाता है।
- राष्ट्रीय शोक में सरकारी कार्यालय और कॉलेज बंद रखा जाता है।
- इस दौरान छोटे-बड़े उत्सव को रद्द कर दिया जाता है।
- दूरदर्शन और आकाशवाणी पर शोक भरा संगीत बजाया जाता है।
राष्ट्रीय ध्वज झुका होता है...
- राष्ट्रीय शोक के दौरान राष्ट्रीय ध्वज झुका होता है, यह एक संवेदना प्रकट करने का एक तरीका है।
- सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश और केंद्रीय मंत्री की मृत्यु पर संबधित व्यक्ति के कार्यकाल में भी ऐसा किया जाता है।
विदेशी गणमान्य की मृत्यु होती है...
- अगर किसी विदेशी गणमान्य की मृत्यु होती है तो गृह मंत्रालय के निर्देश पर ऐसा किया जा सकता है।
- अगर किसी राज्य के प्रमुख या किसी सरकारी अधिकारी की मृत्यु विदेश में होती है तो उस देश के दूतावास पर ध्वज को झुकाया जाता है।
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