Bhagat Singh Birth Anniversary: शहीद भगत सिंह की 113वीं जयंती पर पढ़िए उनके 10 क्रांतिकारी विचार
नई दिल्ली। शहीद भगत सिंह का नाम भारतीय आजादी के इतिहास में सुनहरे अक्षरों से लिखा गया है। राष्ट्रवादी आंदोलन के प्रभावशाली क्रांतिकारियों में से एक भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर, 1907 को अविभाजित भारत में लायलपुर जिले के बंगा में हुआ था। जो अब पाकिस्तान में स्थित है। आज उनकी 113वीं जयंती है। भगत सिंह के पैतृक गांव का नाम खट्कड़ कलां है, जो भारत के पंजाब राज्य में आता है। महान क्रांतिकारी भगत सिंह को उनके क्रांतिकारी साथी सुखदेव और राजगुरु के साथ 23 मार्च, 1931 में फांसी दी गई थी।
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यूं तो देश को आजाद कराने में बहुत से क्रांतिकारियों का अहम योगदान था लेकिन जब देशप्रेम की बात आती है, तब उन क्रांतिकारियों में सबसे पहले 23 मार्च 1931 को शहीद हुए भगतसिंह, सुखदेव और राजगुरु का नाम जहन में आता है। चलिए शहीद भगत सिंह के 10 अनमोल विचार जानते हैं, जो आज भी लोगों को प्रेरणा देते हैं-
- ...व्यक्तियों को कुचल कर, वे विचारों को नहीं मार सकते।
- कानून की पवित्रता तभी तक बनी रह सकती है जब तक कि वो लोगों की इच्छा की अभिव्यक्ति करे।
- मैं एक मानव हूं और जो कुछ भी मानवता को प्रभावित करता है उससे मुझे मतलब है।
- मेरा धर्म एक ही है, देश की सेवा करना।
- दिल से निकलेगी न मरकर भी वतन की उल्फत, मेरी मिट्टी से भी खूशबू-ए-वतन आएगी।
- क्या तुम्हें पता है कि दुनिया में सबसे बड़ा पाप गरीब होना है? गरीबी एक अभिशाप है एक दंड है।
- जो भी विकास के लिए खड़ा है, उसे हर रूढ़िवादी चीज की आलोचना करनी होगी, उसमें अविश्वास करना होगा और उसे चुनौती देनी होगी।
- यदि बहरों को सुनना है तो आवाज को बहुत जोरदार होना होगा। जब हमने (असेंबली) बम गिराया था, तो हमारा धेय्य किसी को मारना नहीं था। हमने अंग्रेजी हुकूमत पर बम गिराया था। अंग्रेजों को भारत छोड़ना चाहिए और उसे आजाद करना चाहिए।
- किसी को क्रांति शब्द की व्याख्या शाब्दिक अर्थ में नहीं करनी चाहिए। जो लोग इस शब्द का उपयोग या दुरुपयोग करते हैं, उनके फायदे के हिसाब से इसे अलग अर्थ दिए जाते हैं।
- आमतौर पर लोग चीजें जैसी हैं उसके आदि हो जाते हैं और बदलाव के विचार से ही कांपने लगते हैं। हमें इसी निष्क्रियता को क्रांतिकारी भावना से बदलने की जरूरत है।
ईश्वरचंद्र
विद्यासागर:
जिन्हें
महिला
उत्थान
के
लिए
हमेशा
याद
किया
जाता
है,
आज
उनकी
200वीं
जयंती
है