विज्ञान भी तलाश नहीं सका बरमूडा ट्राइंगल के रहस्य की वजह
फ्लोरिडा। बरमूडा ट्राइंगल, नार्थ अटलांटिक महासागर का वह हिस्सा जिसे 'डेविल्स ट्राइंगल' यानी 'शैतानी त्रिभुज' भी कहा जाता है। आज दुनिया विज्ञान के क्षेत्र में कई मील आगे आ गई है लेकिन फिर भी दुनिया के इस हिस्से में जो रहस्य है उसकी वजहों का पता किसी को नहीं लग सका है।
यह वह जगह है जहां पर कई एयरक्राफ्ट्स और शिप्स हो गईं, किसी को भी पता नहीं लग सका। अमेरिकी नेवी का मानना है कि यह ट्राइंगल है ही नहीं है और अमेरिकी जियोग्राफिक नामों में ऐसा कोई भी नाम है ही नहीं।
इसके बाद भी इस जगह पर ऐसी कई असाधारण बातों का जिक्र लोग करते हैं जिन पर यकीन करना मुश्किल हो जाता है।
कई ऐसे डॉक्यूमेंट्स हैं जिनमें कहा गया है कि इस जगह पर कई हादसे हुए हैं जो डराने वाले हैं और रहस्य से भरपूर हैं। दुनिया की कई संस्थाएं ऐसी जगह के होने से इंकार कर देती हैं लेकिन कई लेखकों ने समय-समय पर इसका जिक्र किया है।
आगे की स्लाइड्स पर क्लिक करिए और जानिए इस रहस्यमयी जगह से जुड़े 10 हैरान कर देने वाले तथ्यों के बारे में।
राजस्थान, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र को कर ले कवर
बरमूडा ट्राइंगल समंदर के 440,000 मील क्षेत्र को कवर करता है। यानी राजस्थान, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के क्षेत्रफल को मिला लिया जाए तो भी यह आकार में बड़ा ही साबित होगा।
बाहर से आ सकता है नजर
लोग मानते हैं कि ट्राइंगल कहां हैं इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है लेकिन ट्राइंगल के बाहर भी इसका प्रभाव रहता है। यह बात भी कई लोगों को डराती है और हैरान कर देती है।
खो गया है एक शहर
बताते हैं कि अगर इस जगह पर एयरक्राफ्ट्स और जहाज गायब हो जाते हैं तो इसकी वजह से एलियंस और यूएफओ की सक्रियता। कहा तो यहां तक जाता है कि कई प्राकृतिक, भौगोलिक और दूसरी वजहों के साथ ही इस ट्राइंगल की वजह से अटलांटिस शहर गायब हुआ है।
गायब होने के बाद नहीं मिलता एक अंश भी
जब कभी भी कोई प्लेन या जहाज ट्राइंगल के ऊपर या आसपास नजर आया, वह दोबारा वहां से लौट नहीं सका। कभी किसी ने उस प्लेन या जहाज को नहीं देखा। यहां तक कि उनका मलबा तक नहीं मिला। इसकी वजह बताई जाती है ट्राइंगल के पास ही बहने वाली समंदर की तेज लहर जो तेजी से मलबे को अपने साथ बहा ले जाती है।
प्रति वर्ष चार एयरक्राफ्ट्स और जहाज लापता
बताया जाता है कि 100 वर्षों के दौरान यहां पर 1000 लोगों की मौत हो गई है। औसतन प्रतिवर्ष यहां पर चार एयरक्राफ्ट्स और 20 जहाज गायब हो जाते हैं।
लेकिन कुछ भी नहीं कहता है कभी
बरमूडा ट्राइंगल के अंदर अमेरिकी सरकार की ओर से एयूटीईसी या अटलांटिक अंडरसी टेस्ट एंड इवैल्यूएशन सेंटर मौजूद है। यह सेंटर एंड्रॉस आईलैंड ऑफ बाहमास पर स्थित है। यहां पर अमेरिकी नेवी उनकी सबमरीन, सोनर और दूसरे हथियारों का टेस्ट करती है। हालांकि कई लोग मानते हैं कि यह सिर्फ एक टेस्टिंग सेंटर से ज्यादा है।
पायलट ने बताया है अनुभव
कई लोगों ने यहां पर इलेक्ट्रॉनिक फॉग होने की बात भी कही है। इसे टाइम ट्रैवल टनल भी कहा जाता है। पायलट ब्रूस ग्रेनॉन की मानें तो फ्लाइंग के सिर्फ 28 मिनट के अंदर ही वह इस टनल के अंदर गायब हो गए थे। उनका प्लेन रडार से गायब हो चुका था। मियाबी बीच पर पहुंचने के बाद ही प्लेन रडार पर वापस नजर आ सका।
गायब हो चुके हैं अमेरिकी नेवी के एयरक्राफ्ट्स
वर्ष 1945 में अमेरिकी नेवी के पांच एवेंजर टॉरपिडो बॉम्बर्स 90 मिनट के अंदर गायब हो गए थे।फ्लोरिडा के फोर्ट लॉड्रेडाले से इन एयरक्राफ्ट्स सॉर्टी के लिए टेक ऑफ किया था। 14 व्यक्ति सवार थे। रेडिया ऑपरेटर्स को पहले संकेत मिला कि उनके पास मौजूद दिशा बताने वाला इक्विपमेंट कम्पास काम नहीं कर रहेा है। इसके बाद कम्यूनिकेशन टूट गया और फिर इन बॉम्बर्स का कोई पता नहीं चला।
कोलंबस ने देखा था आग का गोला
बरमूडा ट्राइंगल का पहला जिक्र क्रिस्टोफर कोलंबस के जर्नल्स में मिलता है। उन्होंने लिखा था ट्राइंगल के अंदर जहाज के कम्पास ने काम करना बंद कर दिया था। इसके बाद उन्होंने आसमान में आग का एक गोला देखा था।
हमेशा गलत प्रतीत होती है दिशा
बरमूडा ट्राइंगल दुनिया की वह अजब गजब जगह है जहां पर कम्पास मैग्नेटिक नॉर्थ की ओर कोई इशारा नहीं करता है। इस वजह से कंफ्यूजन होता है और जिसकी वजह से एयरक्राफ्ट्स और जहाज गायब हो जाते हैं।