CongressFoundationDay:133 साल की हुई कांग्रेस, गुलामी-आजादी, शोहरत, हत्या और नफरत सब कुछ देखा इसने
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नई दिल्ली। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की स्थापना को आज 133 साल हो गए हैं, देश की सबसे बड़ी पुरानी कही जाने वाली पार्टी ने भारत को अब तक 7 पीएम दिए हैं, पिछले साल ही इसकी कमान राहुल गांधी के हाथ में आई है। देश पर सबसे लंबा राज करने वाली ये पार्टी आज भारतीय सत्ता के हाशिए पर है, हालांकि हाल ही में हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में से तीन में उसने जीत हासिल की है लेकिन अभी भी कांग्रेस को सत्ता की मुख्य धारा में आने के लिए काफी मेहनत करनी है, राहुल गांधी के नेतृत्व में आगे बढ़ रही कांग्रेस के लगता है कि उनके युवराज ही उनके खेवनहार हैं, अब वो कितने सही साबित होते हैं ये तो आने वाला वक्त बताएगा लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि इस पार्टी ने देश की गुलामी से लेकर सत्ता तक एक लंबा सफर तय किया है, जिसमें गुलामी, आजादी, शोहरत, हत्या और नफरत के सारे रंग हैं।
आइए कांग्रेस पार्टी से जुड़ी खास बातों के बारे में जानते हैं....
28 दिसंबर 1885 को हुई थी पार्टी की स्थापना
कांग्रेस की स्थापना ब्रिटिश राज में 28 दिसंबर 1885 में हुई थी, इसके संस्थापकों में ए ओ ह्यूम (थियिसोफिकल सोसाइटी के प्रमुख सदस्य), दादा भाई नौरोजी और दिनशा वाचा शामिल थे। ये पार्टी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अपने 1.5 करोड़ से अधिक सदस्यों और 7 करोड़ से अधिक प्रतिभागियों के साथ, ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के विरोध में खड़ी हुई थी।
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16 लोकसभा चुनावों में से 6 बार स्पष्ट बहुमत
1947 में आजादी के बाद, कांग्रेस भारत की प्रमुख राजनीतिक पार्टी बन गई। आजादी से 2016 के बीच हुए 16 लोकसभा चुनावों में से 6 बार उसे स्पष्ट बहुमत मिला और 4 बार उसने गठबंधन में सरकार बनाई है, इस तरह से कांग्रेस पार्टी ने ही देश में लंबा राज किया है।
देश को 7 प्रधानमंत्री दिए
कांग्रेस ने देश को 7 प्रधानमंत्री दिए, जिसमें उसका सबसे अच्छा प्रदर्शन 1984 में रहा जब पार्टी को 415 लोकसभा सीटें मिलीं थीं। ये वो वक्त था, जब इंदिरा गांधी की हत्या कर दी गई थी और भारत संकट में था, तब उनकी जगह उनके बेटे राजीव गांधी को सत्ता की बागडोर मिली थी।
2014 के आम चुनाव में सबसे खराब प्रदर्शन
2014 के आम चुनाव में, कांग्रेस ने आज़ादी से अब तक का सबसे ख़राब आम चुनावी प्रदर्शन किया और 543 सदस्यीय लोक सभा में मात्र 44 सीट जीतीं। जिसके पीछे कारण कांग्रेस से जनता की नाराजगी बताई गई।खुद राहुल गांधी ने कहा था कि कांग्रेस की हार इसलिए हो रही है क्योंकि लोगों के अंदर पार्टी को लेकर गुस्सा है।
राहुल गांधी के हाथ में है कमान
यहां गौर करने वाली बात ये है कि राहुल, गांधी-नेहरू परिवार के 6ठें सदस्य हैं, जिनके हाथों में कांग्रेस की कमान है, उनसे पहले उनकी मां सोनिया गांधी कांग्रेस अध्यक्ष थीं, इसी कारण विरोधीदल चीख-चीख कर कहते हैं कि कांग्रेस पार्टी की कमान एक ही परिवार के हाथ में हैं।
राहुल गांधी की अगुवाई में आक्रामक हुई कांग्रेस
आपको बता दें कि 2014 के बाद से ही लगातार कांग्रेस राज्यों में भी हारती रही, लेकिन पहले पंजाब, फिर कर्नाटक और अब छत्तीसगढ़, राजस्थान, मध्य प्रदेश में जीत दर्ज कर पार्टी जोश में है, 2019 के लोकसभा चुनाव में जाने से पहले कांग्रेस पूरी तरह से आक्रमक है, उसे लगता है कि राहुल गांधी की अगुवाई में वो साल 2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी राज को खत्म कर देगी।
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