पंचतत्व में विलीन अरुण जेटली, 'मोदी है तो मुमकिन है' का दिया था नारा
नई दिल्ली। पूर्व वित्तमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली राजनीति, वकालत, खेल और समाजिक जीवन की तमाम यादों को छोड़कर पंचतत्व में विलीन हो गए हैं। निगमबोध घाट पर दोपहर तीन बजे उनका अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया, बेटे रोहन ने उन्हें मुखाग्नि दी। इस दौरान उपराष्ट्रपति वैंकेया नायडू, गृहमंत्री अमित शाह, पार्टी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के अलावा कांग्रेस सहित अन्य दलों के नेता मौजूद थे। गौरतलब है कि अरुण जेटली का शनिवार दोपहर को दिल्ली के एम्स में निधन हो गया था, वो नौ अगस्त से एम्स हॉस्पिटल में भर्ती थे, जहां उन्होंने कल अंतिम सांस ली।
भाजपा के 'अरुण' थे जेटली
अरुण जेटली भारतीय राजनीति का वो नाम था, जिनका सम्मान विरोधी भी करते थे, उनकी अंतिम यात्रा में लोगों का उमड़ा हुजूम और विरोधी नेताओं की आंखों से छलकते आंसू ने इस बात को पूरी तरह से सत्यापित भी कर दिया है। गुलाम नबी आजाद हों या फिर मुलायम सिंह, कपिल सिब्बल हों या फिर सोनिया गांधी, जेटली के निधन ने सबको झकझोर दिया।
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मैंने अपना प्यारा दोस्त खो दिया: पीएम मोदी
देश के पीएम नरेंद्र मोदी इस वक्त विदेश में हैं, उन्होंने बहरीन में अरुण जेटली को श्रद्धांजलि दी, उन्होंने वहां लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि यहां इतना दूर हूं जबकि मेरा दोस्त चला गया है,अभी कुछ दिन पहले ही हमने अपनी पूर्व विदेश मंत्री बेहन सुषमा जी को खो दिया, आज मेरा दोस्त अरुण भी चला गया, मोदी के अल्फाज बता रहे थे कि वो किस हद तक पीड़ा में हैं।
वाजपेयी से लेकर मोदी तक.......सबके रहे प्रिय
अरुण जेटली जैसे लोग रोज पैदा नहीं होते हैं, संकट की हर घड़ी में संकटमोचक बनकर सामने आए जेटली को भाजपा और दूसरे दलों का ब्रिज कहा जाता था, जेटली के दोस्त हर दल में थे। जेटली मिलनसार, तार्किक, खुशमिजाज, विनोदप्रिय और स्पष्टवक्ता थे और इसी वजह से वो वाजपेयी से लेकर मोदी तक .. वो सबके बेहद प्रिय रहे।
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'मोदी है तो मुमकीन है' का दिया नारा
बता दें कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव के प्रचार की जिम्मेदारी अरुण जेटली के कंधों पर थी, जिसके लिए पूर्व वित्तमंत्री ने एक कमेटी बनाई थी, जब विरोधी दल मोदी को राफेल डील पर घेरने की तैयारी कर रहे थे, तब जेटली एंड कमेटी ने नारा दिया कि 'मोदी है तो मुमकीन है', जिसने लोगों पर कैसा प्रभाव डाला, ये तो चुनावी नतीजों से ही साबित हो गया।
सोनिया गांधी ने लिखा भावुक खत
आपको बता दें कि इससे पहले पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के निधन पर यूपीए चेयरपर्सन सोनिया गांधी ने भी दुख जाहिर किया , सोनिया गांधी ने अरुण जेटली के निधन के बाद उनकी पत्नी संगीता जेटली को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने लिखा कि अरुण जेटली ने तमाम राजनीतिक दलों में अपने मित्रों को अपनी ओर आकर्षित किया, जेटली बेहद ही निर्दयी बीमारी से पूरी ताकत और जबरदस्त उत्साह से लड़े, मैं आपके प्यारे पति के निधन से बहुत दुखी हूं और आपके दुख के साथ हूं, ईश्वर से कामना है कि अरुण जेटली की आत्मा को शांति मिले।
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