50 साल की हुई अटरली-बटरली अमूल गर्ल, जानिए किसने पैदा किया
नई
दिल्ली।
नीले
रंग
के
हेयर,
सफेद
और
लाल
डॉट
की
फ्रॉक
और
अपने
वन
लाइनर
से
देश
दुनिया
के
हर
ज्वलंत
मुद्दे
पर
कटाक्ष
करने
वाली
छोटी
सी
लड़की
50
साल
की
हो
गई।
अरे...अरे...
आप
तो
सोच
में
पड़
गए।
आप उसे बहुत अच्छे से जानते हैं। जी हां हम बात कर रहे हैं प्यारी से अमूल गर्ल की। साल 2014 में जब मोदी सरकार आई तो इसकी पंच लाइन ने अच्छा डि-नर (डिनर को din-ner कर के लिखा गया) आया है ने बवाल मचा दिया था।
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खैर अमूल गर्ल की वन लाइनर की बात बाद में करेंगे, इससे पहले आपको उन लोगों के बारे में बताते हैं जिनकी क्रिएटिविटी की देन है ये अमूल गर्ल।
तीन लोगों की टीम ने बनाया अमूल गर्ल को
अमूल
गर्ल
के
पीछे
तीन
लोगों
की
क्रिएटिविटी
है।
विज्ञापन
के
लिए
यह
टीम
हर
हफ्ते
6
कार्टून
तैयार
करती
है।
इन
विज्ञापनों
की
कैंपेन
डाकुन्हा
कम्यूनिकेंशन
करती
है।
इस
कंपनी
के
क्रिएटिव
हेड
हैं
राहुल
डाकुन्हा।
कॉपी
राइटर
हैं
मनीष
झावेरी
और
अमूल
गर्ल
को
बनाने
वाले
कार्टूनिस्ट
जयंत
राणे
है।
1966 में रची गई थी अमूल गर्ल
1966 में अमूल के विज्ञापन की शुरूआत हुई थी और इसकी कमान एडवरटाइजिंग सेल्स एंड प्रमोशन के मैनेजिंग डायरेक्टर सिल्वेस्टर डाकुन्हा को दी गई थी। इन विज्ञापनों की शुरूआत थोड़ी बोरिंग थी लेकिन धीरे-धीरे इसने रोचक रफ्तार पकड़ी क्योंकि डाकुन्हा ने ठान लिया था कि वो अमूल के विज्ञापनों की बोरिंग इमेज बदल कर रख देंगे और उन्होंने वैसा ही किया।
जब अमूल बटर की शुरूआत हुई थी तब पॉल्सन नाम की कंपनी भी टक्कर में थी क्योंकि वो भी बटर का उत्पाद करती थी और अच्छा खासा बिजनेस कर रही थी। पॉल्सन अपने विज्ञापन में एक बटर गर्ल का इस्तेमाल करता था। इसी गर्ल को टक्कर देने के लिए डाकुन्हा ने अपने एजेंसी के आर्ट डायरेक्टर यूस्टेस पॉल फर्नांडिज के साथ बैठकर एक ऐसी गर्ल की कल्पना करी जो तुरन्त लोगों के दिन और दिमाग में समा जाए।