जानिए नोबेल प्राइज का इतिहास और हर एक बात...
नई दिल्ली। डेविड थाउलेस, डंकन हालडेन और माइकल कोस्टेरलिट्ज को इस वर्ष के भौतिक विज्ञान के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। ये तीनों ही वैज्ञानिक ब्रिटिश मूल के हैं और इन्हें ये सम्मान द्रव्य की अवस्थाओं पर शोध करने के लिए दिया जाएगा।
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आखिर क्या है ये नोबेल प्राइज और क्यों है ये सम्मान का प्रतीक, आईये जानते हैं इसके बारे में विस्तार से...
- यह प्राइज नोबेल फाउंडेशन द्वारा स्वीडन के वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल की याद में वर्ष 1901 में शुरू किया गया था।
- यह शांति, साहित्य, भौतिकी, रसायन, चिकित्सा विज्ञान और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में विश्व का सर्वोच्च पुरस्कार है।
- इस पुरस्कार के रूप में प्रशस्ति-पत्र के साथ 14 लाख डालर की राशि प्रदान की जाती है।
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अल्फ्रेड नोबेल
वैज्ञानिक अल्फ्रेड नोबेल विश्व के महान वैज्ञानिक थे, इन्होंने अपने जीवन करीब 355 अविष्कार किए थे। इन्होंने ही 1867 में डायनामाइट का आविष्कार किया था। दिसंबर 1896 में अपनी मृत्यु से पहले इन्होंने अपनी संपत्ति का एक बड़ा हिस्सा एक ट्रस्ट को दान कर दिया था।उनकी इच्छा थी कि इस पैसे के ब्याज से हर साल उन लोगों को सम्मानित किया जाए जो मानव जाति के भले के लिए काम करते हैं।
शांति, साहित्य, भौतिकी, रसायन, चिकित्सा और अर्थशास्त्र
इसलिए स्वीडिश बैंक में जमा इसी राशि के ब्याज से नोबेल फाउंडेशन द्वारा हर वर्ष शांति, साहित्य, भौतिकी, रसायन, चिकित्सा विज्ञान और अर्थशास्त्र में सर्वोत्कृष्ट योगदान के लिए दिया जाता है। ये विश्वस्तरीय सम्मानसूचक अवार्ड है।
नोबेल फाउंडेशन की स्थापना
नोबेल फ़ाउंडेशन की स्थापना 29 जून 1900 को हुई और उसके बाद 1901 से नोबेल पुरस्कार दिया जाने लगा। अर्थशास्त्र के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार की शुरुआत 1968 से की गई। पहला नोबेल शांति पुरस्कार 1901 में रेड क्रॉस के संस्थापक ज्यां हैरी दुनांत और फ़्रेंच पीस सोसाइटी के संस्थापक अध्यक्ष फ्रेडरिक पैसी को संयुक्त रूप से दिया गया।
5 लोगों की टीम
नोबेल फाउंडेशन में 5 लोगों की टीम है जिसका मुखिया स्वीडन की किंग ऑफ काउन्सिल द्वारा तय किया जाता है अन्य चार सदस्य पुरस्कार वितरक संस्थान के न्यासी (ट्रस्टियों) द्वारा तय किए जाते हैं। स्टॉकहोम में नोबेल पुरस्कार सम्मान समारोह का मुख्य आकर्षण यह होता है कि सम्मानप्राप्त व्यक्ति स्वीडन के राजा के हाथों पुरस्कार प्राप्त करते है।
रूडयार्ड किपलिंग
साहित्य का नोबेल पाने वाले आज तक के सबसे कम उम्र के साहित्यिक रूडयार्ड किपलिंग रहे है। वर्ष 1907 में जब उन्हें 'जंगल बुक' के लिए नोबेल सम्मान मिला तब वह केवल 42 वर्ष के थे। इस साल डेविड थाउलेस, डंकन हालडेन और माइकल कोस्टेरलिट्ज को भौतिक विज्ञान के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।